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02-May-2025 03:42 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के किसानों को अब सिंचाई जैसे कृषि कार्यों के लिए बिजली कनेक्शन लेना और भी आसान हो गया है। विद्युत कार्यपालक अभियंता ने जानकारी दी कि अब किसान आवेदक सुविधा ऐप, बिहार राज्य विद्युत बोर्ड की वेबसाइट, या नजदीकी विद्युत कार्यालय के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए सस्ती बिजली देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने सिंचाई हेतु बिजली की दर 6.74 रुपये प्रति यूनिट तय की है। राज्य सरकार इस पर 6.19 रुपये प्रति यूनिट का अनुदान दे रही है। साथ ही किसानों को यह बिजली मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट पर उपलब्ध हो रही है। यह सुविधा विशेष रूप से लघु एवं सीमांत किसानों के लिए फायदेमंद सिद्ध हो रही है, जो अक्सर सिंचाई के लिए डीजल पंप या महंगे निजी विकल्पों पर निर्भर रहते हैं।
बिजली कनेक्शन के लिए जरूरी दस्तावेज
कृषि कार्य हेतु नया बिजली कनेक्शन लेने के लिए किसान को निम्न दस्तावेज जमा करने होंगे:
पहचान पत्र – आधार कार्ड या वोटर आईडी
आवासीय प्रमाण पत्र
भूमि से संबंधित दस्तावेज – जैसे खेसरा संख्या, खतियान इत्यादि
इन दस्तावेजों के साथ आवेदन करने पर प्रक्रिया सरल हो गई है और कई मामलों में 10 से 15 कार्यदिवस के भीतर कनेक्शन दिया जा रहा है।
विद्युत विभाग ने सभी किसानों से कानूनी तरीके से कनेक्शन लेने और केवल स्वीकृत कनेक्शन का ही उपयोग करने की अपील की है। शशिकांत कुमार ने बताया कि जांच के दौरान बिना कनेक्शन या अवैध रूप से बिजली का उपयोग करते पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा और आवश्यक होने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। राज्य सरकार की पहल पर बिजली विभाग ने डिजिटल सेवा को सशक्त किया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग सीएससी केंद्र या मोबाइल ऐप की मदद से आवेदन कर सकते हैं। इससे बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
मुख्य बातें
सिंचाई हेतु बिजली कनेक्शन अब ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपलब्ध
मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट पर किसानों को बिजली
मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत 6.19 रु/यूनिट अनुदान
आधार, वोटर आईडी और भूमि दस्तावेज अनिवार्य
अवैध उपयोग पर सख्त कार्रवाई
यह योजना बिहार सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है जिसमें कृषकों की आत्मनिर्भरता, उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। किसानों को चाहिए कि इस सुविधा का भरपूर लाभ लें और समय रहते अपना आवेदन समर्पित करें।