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03-Sep-2025 07:27 AM
By First Bihar
Bihar News: कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्षों तक बंद रही कराटे और मार्शल आर्ट की योजना अब एक बार फिर से शुरू की जा रही है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEPPC) की पहल पर प्रदेश भर के चयनित माध्यमिक स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए कराटे व मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत राज्य के हर ब्लॉक से दो-दो माध्यमिक स्कूलों का चयन किया गया है, जिससे कुल 1067 स्कूलों में पाँच लाख 33 हजार 500 छात्राएं इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगी।
परियोजना के लिए 120 प्रशिक्षकों का चयन किया जा चुका है, जिनमें 40 महिलाएं शामिल हैं। यह पहली बार है जब इस योजना में महिला प्रशिक्षकों को भी सक्रिय रूप से जोड़ा गया है। इन महिला प्रशिक्षकों में कई पूर्व छात्राएं हैं जो अब ब्लैक बेल्ट धारी बन चुकी हैं। प्रशिक्षकों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया गया है, जिससे गुणवत्ता और अनुभव दोनों सुनिश्चित किए जा सकें। प्रशिक्षकों का उन्मुखीकरण (orientation program) स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के बाद शुरू होगा, जबकि स्कूलों में प्रशिक्षण कार्य सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा।
यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम सितंबर 2025 से जनवरी 2026 तक चलेगा। इस बार हर जिले से दो ब्लॉकों के केवल उन्हीं माध्यमिक विद्यालयों को चुना गया है, जिनमें छात्राओं का नामांकन 500 या उससे अधिक है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक छात्राओं को एक जगह एकत्र कर प्रभावी प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण केवल कक्षा 9वीं और 10वीं की छात्राओं को दिया जाएगा। चयनित छात्राओं में से जो बेहतर प्रदर्शन करेंगी, उन्हें आगे के लिए विशेष प्रशिक्षण समूहों में शामिल किया जाएगा।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी प्रशिक्षकों को निर्देश दिया है कि छात्राओं को बिना स्पर्श किए प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे किसी भी तरह की असुविधा या अनुचित व्यवहार की संभावना को रोका जा सके। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों के लिए भी ड्रेस कोड और आचार संहिता लागू की जाएगी।
भारत सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को आत्मरक्षा के योग्य बनाना है ताकि वे किसी भी विपरीत परिस्थिति में खुद को सुरक्षित रख सकें। राज्य सरकार और शिक्षा परियोजना परिषद का मानना है कि इस प्रकार की पहल से बेटियां अधिक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बनेंगी।
परिषद की ओर से यह भी संकेत दिए गए हैं कि यदि यह कार्यक्रम सफल रहता है तो आगे चलकर इसे अन्य स्कूलों में भी दोबारा विस्तारित किया जा सकता है। साथ ही, बेहतर प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को राज्य स्तरीय कराटे प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका भी दिया जा सकता है।