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30-Aug-2025 10:25 AM
By First Bihar
Indian Railways: रेलवे यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत और सुविधा की खबर है। अब ट्रेन में मिलने वाले खाने के पैकेट पर QR कोड लगाया जाएगा, जिससे यात्री केवल अपने मोबाइल फोन से स्कैन करके खाद्य सामग्री की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस क्यूआर कोड के जरिए पैकिंग का समय, बेस किचन का नाम और कीमत जैसी जरूरी जानकारी स्क्रीन पर तुरंत आ जाएगी। इस पहल का उद्देश्य ट्रेन में परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
रेलवे और आईआरसीटीसी ने यात्रियों की लगातार आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए यह तकनीकी कदम उठाया है। इससे पहले रेलवे ने खाने की गुणवत्ता और साफ-सफाई पर नजर रखने के लिए बेस किचन में CCTV कैमरे लगाए थे। अब इस नई व्यवस्था में हाई फ्रिक्वेंसी वाले कैमरे और उपकरण लगाए जाएंगे, जो दिल्ली स्थित कंट्रोल रूम से सीधे जुड़े रहेंगे। इसके जरिये रेलवे अधिकारी और आईआरसीटीसी की टीम वास्तविक समय में निगरानी कर सकेगी।
इस प्रणाली को सबसे पहले पटना-कोलकाता वंदे भारत एक्सप्रेस सहित अन्य वंदे भारत ट्रेनों में लागू किया जा रहा है। रेलवे ने इसको लेकर सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रयोग सफल होने के बाद इसे अन्य ट्रेनों और रूट्स पर भी लागू किया जाएगा।
आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि QR कोड की शुरुआत का एक और अहम उद्देश्य यह भी है कि वेंडर्स यात्रियों से निर्धारित कीमत से अधिक राशि न वसूलें। कोड स्कैन करने पर खाने की वास्तविक कीमत पता चल जाएगी, जिससे ओवरचार्जिंग की शिकायतों पर रोक लगेगी।
दानापुर मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भी इस सुविधा को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है। कुछ स्थानों पर यह व्यवस्था चालू हो चुकी है, और आने वाले हफ्तों में इसका विस्तार अन्य स्टेशनों और ट्रेनों में किया जाएगा। इस सुविधा के ज़रिए यात्रियों को केवल खाने की जानकारी ही नहीं मिलेगी, बल्कि वे सीधे शिकायत भी दर्ज कर पाएंगे, जिससे जवाबदेही और कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी की यह पहल तकनीक के माध्यम से यात्री अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। QR कोड सिस्टम से न केवल खाद्य गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ेगी, बल्कि शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया भी तेज और प्रभावी हो जाएगी। यह पहल लंबे समय से यात्रियों द्वारा उठाए जा रहे खाद्य असंतोष, अधिक मूल्य वसूली और साफ-सफाई की शिकायतों को समाप्त करने में मदद करेगी।