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27-Sep-2025 12:34 PM
By First Bihar
BIHAR NEWS : पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र में शनिवार को एक सड़क हादसे के बाद बड़ा बवाल खड़ा हो गया। अस्पताल परिसर जंग का मैदान बन गया जब एक घायल महिला को लेकर डॉक्टर और परिजनों के बीच लगातार उलझनें पैदा होती रहीं। कभी महिला को मृत तो कभी जीवित बताने की अफवाह ने स्थिति को इतना बिगाड़ दिया कि डॉक्टर और ग्रामीण आपस में भिड़ गए। इस दौरान मारपीट की घटनाएं हुईं, पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और अस्पताल का माहौल अफरा-तफरी में बदल गया।
मामला पकड़ी ढाला गांव के समीप का है, जहां सड़क पर बाइक की टक्कर से डीके शिकारपुर गांव निवासी 52 वर्षीय कुंती देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। स्थानीय लोग और परिजन तुरंत उन्हें नरकटियागंज अस्पताल ले आए। वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने शव को एम्बुलेंस से गांव भेजने की तैयारी भी शुरू कर दी।
इसी बीच परिजनों ने दावा किया कि महिला अभी जिंदा है और उसकी सांस चल रही है। इस दावे के बाद अस्पताल परिसर में शोर-शराबा शुरू हो गया। परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ने लगा और डॉक्टर से दोबारा जांच की मांग की गई। जब डॉक्टर ने दूसरी बार जांच कर महिला को मृत घोषित किया, तो परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। भीड़ ने डॉक्टर संतोष कुमार पर हमला कर दिया और उनकी पिटाई कर दी।
डॉक्टर पर हुए हमले से अस्पताल के कर्मी भड़क गए। उन्होंने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भीड़ में से एक युवक, मो. शमशाद आलम को पकड़कर बुरी तरह पीट दिया। इस दौरान शमशाद का सिर फूट गया और उसे गंभीर चोट आई। बाद में परिजनों ने उसका इलाज एक निजी डॉक्टर से कराया।
स्थिति बिगड़ते देख शिकारपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने में जुट गई। पुलिस ने डॉक्टर और ग्रामीणों को अलग किया तथा अस्पताल परिसर से भीड़ को हटाया। इसके बाद महिला का शव परिजन लेकर गांव चले गए।
घटना के बाद अस्पताल में भारी हंगामा और तनाव बना रहा। डॉक्टरों ने हमले के विरोध में सामूहिक हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी। इससे अन्य मरीजों और उनके परिजनों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी। पुलिस ने लगातार समझा-बुझाकर माहौल शांत करने की कोशिश की।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर बिहार के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया। सड़क दुर्घटना से लेकर अस्पताल में हंगामे तक, पूरा इलाका कई घंटों तक दहशत और अफरा-तफरी का शिकार रहा।
पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र में शनिवार को एक सड़क हादसे के बाद बड़ा बवाल खड़ा हो गया। अस्पताल परिसर जंग का मैदान बन गया जब एक घायल महिला को लेकर डॉक्टर और परिजनों के बीच लगातार उलझनें पैदा होती रहीं। कभी महिला को मृत तो कभी जीवित बताने की अफवाह ने स्थिति को इतना बिगाड़ दिया कि डॉक्टर और ग्रामीण आपस में भिड़ गए। इस दौरान मारपीट की घटनाएं हुईं, पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और अस्पताल का माहौल अफरा-तफरी में बदल गया।
मामला पकड़ी ढाला गांव के समीप का है, जहां सड़क पर बाइक की टक्कर से डीके शिकारपुर गांव निवासी 52 वर्षीय कुंती देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। स्थानीय लोग और परिजन तुरंत उन्हें नरकटियागंज अस्पताल ले आए। वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने शव को एम्बुलेंस से गांव भेजने की तैयारी भी शुरू कर दी।
इसी बीच परिजनों ने दावा किया कि महिला अभी जिंदा है और उसकी सांस चल रही है। इस दावे के बाद अस्पताल परिसर में शोर-शराबा शुरू हो गया। परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ने लगा और डॉक्टर से दोबारा जांच की मांग की गई। जब डॉक्टर ने दूसरी बार जांच कर महिला को मृत घोषित किया, तो परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। भीड़ ने डॉक्टर संतोष कुमार पर हमला कर दिया और उनकी पिटाई कर दी।
डॉक्टर पर हुए हमले से अस्पताल के कर्मी भड़क गए। उन्होंने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भीड़ में से एक युवक, मो. शमशाद आलम को पकड़कर बुरी तरह पीट दिया। इस दौरान शमशाद का सिर फूट गया और उसे गंभीर चोट आई। बाद में परिजनों ने उसका इलाज एक निजी डॉक्टर से कराया।
स्थिति बिगड़ते देख शिकारपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने में जुट गई। पुलिस ने डॉक्टर और ग्रामीणों को अलग किया तथा अस्पताल परिसर से भीड़ को हटाया। इसके बाद महिला का शव परिजन लेकर गांव चले गए।
घटना के बाद अस्पताल में भारी हंगामा और तनाव बना रहा। डॉक्टरों ने हमले के विरोध में सामूहिक हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी। इससे अन्य मरीजों और उनके परिजनों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी। पुलिस ने लगातार समझा-बुझाकर माहौल शांत करने की कोशिश की।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर बिहार के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया। सड़क दुर्घटना से लेकर अस्पताल में हंगामे तक, पूरा इलाका कई घंटों तक दहशत और अफरा-तफरी का शिकार रहा।