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05-Sep-2025 04:54 PM
By First Bihar
PATNA: संविदा पर बहाल 9000 से ज्यादा विशेष सर्वेक्षण कर्मियों की सेवा सरकार ने समाप्त कर दी है। इन पदों पर अब नये सिरे से बहाली होगी। जबकि 3295 संविदा कर्मी हड़ताल से लौट आए थे। इनकी सेवा बरकरार रखी गयी है लेकिन सोशल मीडिया पर यह अफवाह उड़ाई गयी कि हड़ताल से लौटे 3295 संविदा कर्मियों की भी सेवा समाप्त हो गयी है। इस संबंध में फर्जी लेटर तैयार कर किसी ने वायरल कर दिया था। जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पोस्ट में छेड़छाड़ कर इसे प्रसारित किया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार ने इस लेटर को फर्जी करार दिया है। कहा है कि हड़ताल से लौटे 3295 संविदा कर्मियों पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। ये सभी विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी अभी कार्यरत हैं और राजस्व महा-अभियान जैसे जन हितैषी कार्य में लगे हुए हैं। विभाग ने बताया कि हड़ताल से लौटे संविदा कर्मियों और आमलोगों को गुमराह करने के मकसद से मनगढंत पत्र तैयार कर वायरल किया गया।
बता दें कि सरकार के बार-बार अपील के बावजूद विशेष सर्वेक्षण कर्मी काम पर लौटने का नाम नहीं ले रहे थे। 9000 से ज्यादा संविदा कर्मी पटना के गर्दनीबाग में आंदोलन पर डटे हुए थे और अपनी मांग पर अड़े हुए थे। सरकार ने इन सभी को लौटने का अंतिम मौका भी दिया था। 3295 संविदा कर्मी अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौट गये लेकिन 9000 से ज्यादा कर्मी आंदोलन पर जमे रहे। लिहाजा सरकार को कड़ा फैसला लेना पड़ गया। एक साथ 9000 से ज्यादा विशेष सर्वेक्षण कर्मियों की सेवा सरकार ने समाप्त कर दी।
सेवा समाप्त होने के बाद भी आंदोलन कर्मी पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर बैठे हुए हैं। कई लोग तो अनशन पर बैठे हुए हैं, जिनकी तबीयत भी खराब हो गयी है। कुछ लोगों का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है। इनसे मिलने के लिए कल गुरुार को पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी पहुंचे थे। उन्होंने विभागीय मंत्री से फोन पर बातचीत की और मामले पर संज्ञान लेने की बात कही।
दरअसल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक के नाम से शुक्रवार को एक फर्जी आदेश पत्र वायरल किया गया, जिसमें हड़ताल से लौटे 3295 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने की बात कही गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से फैले इस पत्र पर निदेशक जे. प्रियदर्शिनी के हस्ताक्षर भी दर्शाए गए हैं।
विभाग ने इस तथाकथित आदेश को पूरी तरह फर्जी करार देते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। समयावधि में हड़ताल से लौटे सभी विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी कार्यरत हैं और राजस्व महा–अभियान जैसे जन हितैषी कार्य में लग गए हैं। हड़ताल से लौटे संविदा कर्मियों और आमजन को गुमराह करने की मंशा से मनगढ़ंत पत्र तैयार कर वायरल किया गया है।
गुरुवार को विभाग के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध सूचना से छेड़छाड़ कर गलत तथ्य उसमें भी जोड़ा गया और उसे प्रसारित किया गया। विभाग ने इसे गंभीर मामला मानते हुए आमजन से अपील की है कि वे केवल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की साइट एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से सही जानकारी प्राप्त करें। साथ ही विभाग ने चेतावनी दी है कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि बुधवार 03 सितंबर को बिहार सरकार ने हड़ताल पर बैठे विशेष सर्वे संविदा कर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दिया। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने स्पष्ट किया कि बार-बार की गई अपील और चेतावनी के बावजूद बड़ी संख्या में कर्मी ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा पूर्व में प्रकाशित सूचना के माध्यम से हड़ताल/धरना प्रदर्शन कर रहे विशेष सर्वे संविदा कर्मियों से कर्तव्य पर वापस लौटने की अपील समाचार पत्रों, विभाग के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स एवं निदेशालय के वेबसाइट के माध्यम से की गई थी ।
साथ ही इस हेतु पूर्व में दिनांक 30.08.2025 को संध्या 5 बजे तक एवं पुनः एक और अंतिम अवसर देते हुये दिनांक 03.09.2025 की संध्या 5 बजे तक कर्तव्य पर वापस लौटने हेतु अवसर दिया गया था। निर्धारित तिथि एवं समय तक कुल 3295 संविदा कर्मियों द्वारा कर्तव्य पर वापस लौटकर कार्य किया जा रहा है।
शेष सभी हड़ताल पर बने हुये संविदा कर्मियों की संविदा भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा समाप्त कर दी गई है। इसके अतिरिक्त संविदा समाप्त किये गये सभी कर्मियों के पदों को रिक्त घोषित करते हुये उन सभी पदों पर नियोजन हेतु विज्ञापन प्रकाशन की कार्यवाही इस माह के अंत तक करने एवं उक्त के संदर्भ में सभी आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण करने हेतु आवश्यक कार्यवाही भी की जा रही है।
फर्जी लेटर देखिये....
