BIHAR: हिंदू स्वाभिमान संगठन के कार्यकर्ताओं ने NDA उम्मीदवार को खदेड़ा, दिखाया काला झंडा CBSE Board Exam 2026: CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की फाइनल डेटशीट जारी, दो बार होगी दसवीं की परीक्षा CBSE Board Exam 2026: CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की फाइनल डेटशीट जारी, दो बार होगी दसवीं की परीक्षा Bihar Politics: ‘14 नवंबर को बिहार की जनता देगी जवाब’, युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘14 नवंबर को बिहार की जनता देगी जवाब’, युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला Bihar Election 2025: गौराबौराम से VIP के संतोष सहनी महागठबंधन के उम्मीदवार घोषित, तेजस्वी यादव ने दिया जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: गौराबौराम से VIP के संतोष सहनी महागठबंधन के उम्मीदवार घोषित, तेजस्वी यादव ने दिया जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: बिहार में राजनीतिक रंजिश को लेकर मारपीट, ‘हाथी’ बनाम ‘लालटेन’ के विवाद को लेकर बवाल Test Cricket : टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार होगा बड़ा बदलाव, लंच और टी ब्रेक का क्रम बदला जाएगा; जानिए क्या है वजह Bihar Voter Service : चुनावी सहायता अब आसान, बीएलओ के साथ करें कॉल बुक, इस टोल फ्री नंबर पर हल होंगी सभी दुविधाएं
12-Jul-2025 08:41 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में लगभग 45 प्रतिशत किशोर और युवा नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता से वंचित हैं। चाहे परिवार का मामला हो या खुद के करियर से जुड़े फैसले, ये युवा निर्णय लेने में असमर्थ पाए गए हैं और अक्सर अभिभावकों या परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहते हैं। यह खुलासा हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एनसीईआरटी के साथ मिलकर किए गए एक बड़े सर्वेक्षण में किया है।
फरवरी से मार्च 2025 तक चले 50 दिनों के इस सर्वे में बिहार के 14 से 25 वर्ष के 10,05,436 किशोर और युवाओं को शामिल किया गया। इसमें दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा भी शामिल थे। सर्वे में लगभग 4,09,675 युवाओं ने स्वीकार किया कि उन्हें नेतृत्व करने में डर लगता है, जबकि करीब 4 लाख किशोरों ने कहा कि वे अभी भी अभिभावकों के निर्णयों पर निर्भर हैं।
पिछले पांच वर्षों में बिहार में नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता में लगातार कमी आई है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नेतृत्व क्षमता का प्रतिशत 66% से घटकर अब केवल 55% रह गया है। निर्णय लेने की क्षमता में भी लगभग 15% की कमी देखी गई है। इसका मतलब यह है कि आज के लगभग आधे किशोर और युवा आत्मनिर्भर निर्णय लेने में असमर्थ हैं। सर्वे में सामने आया है कि लगभग 5 लाख युवा निर्णायक क्षमताओं के अभाव में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाते। वे निर्णय लेने से डरते हैं और अक्सर अपने परिवार के अन्य सदस्यों की सलाह या अनुमोदन के बिना कोई कदम नहीं उठाते। कई युवा अपने फैसलों के संभावित नकारात्मक प्रभावों को लेकर चिंतित रहते हैं और इसीलिए आत्मविश्वास की कमी उनके बीच बड़ी चुनौती बनी हुई है।
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि किशोरों में नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना आवश्यक है। मनोवैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने सुझाव दिया है कि बच्चों को नियमित रूप से ऐसे प्रसिद्ध लोगों की कहानियां सुनाई जानी चाहिए, जिन्होंने अपनी आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता से सफलता हासिल की हो। इसके अलावा, सप्ताह में कम से कम एक दिन बच्चों को आत्मविश्वास से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर देना चाहिए।
प्रमोद कुमार, मनोवैज्ञानिक, एनसीईआरटी "किशोरों में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ने से उनमें आत्मविश्वास आता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें गलतियों से सीखने दें। कुमुद सिंह, काउंसिलर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग "यह समस्या केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई राज्यों में भी किशोरों और युवाओं में नेतृत्व और निर्णय क्षमता में कमी देखी गई है। बिहार में पिछले वर्षों की तुलना में यह कमी 10 प्रतिशत अधिक हुई है।"
यह सर्वे बिहार सरकार और सामाजिक संगठनों के लिए एक चेतावनी है कि किशोरों एवं युवाओं के नेतृत्व कौशल विकास और आत्मनिर्भर निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करने के लिए ठोस पहल करनी होगी। शिक्षा नीति में नैतिक शिक्षा, जीवन कौशल प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ अभिभावकों और शिक्षकों को भी इस दिशा में संवेदनशील बनाना जरूरी है।