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Bihar CCTV camera : बिहार में अब गांव की गलियों तक CCTV कैमरा, आम लोग भी काट सकेंगे चालान; जानिए क्या है पूरा प्लान

बिहार परिवहन विभाग अब गांव की गलियों तक CCTV कैमरा लगाएगा। पीपीपी मोड में आम लोग भी कैमरा लगाकर चालान काट सकेंगे, जिससे सड़क सुरक्षा और निगरानी बढ़ेगी।

Bihar CCTV camera : बिहार में अब गांव की गलियों तक CCTV कैमरा, आम लोग भी काट सकेंगे चालान; जानिए क्या है पूरा प्लान

26-Dec-2025 08:43 AM

By First Bihar

Bihar CCTV camera : परिवहन विभाग अब राज्य में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन को और सख्त बनाने के लिए एक नई पहल शुरू करने जा रहा है। इसके तहत न केवल स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे, बल्कि गांव की गलियों और मोहल्लों तक सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जाएगी। विभाग इस योजना को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसमें आम लोगों को भी इस परियोजना में भागीदारी का मौका मिलेगा।


जानकारी के अनुसार, इस योजना का मकसद केवल बड़े शहरों और व्यस्त मार्गों तक निगरानी सीमित न रह जाए, बल्कि ग्रामीण इलाकों और छोटी गलियों तक यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। विभाग ने बताया कि इसके तहत आम लोग भी उन स्थानों पर कैमरा लगवा सकेंगे, जहां पहले से कोई निगरानी प्रणाली नहीं थी। साथ ही, यह कैमरे केवल नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि सामाजिक गतिविधियों और अपराध नियंत्रण में भी मददगार साबित होंगे।


विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में आम लोगों को कैमरा लगाने और चालान काटने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए निजी लोगों को टेंडर के माध्यम से चुना जाएगा। जो लोग कैमरा लगाएंगे, उन्हें चालान से प्राप्त राशि के आधार पर कमीशन मिलेगा। इस प्रकार, यह पहल न केवल सड़क सुरक्षा बढ़ाएगी बल्कि बेरोजगारों के लिए रोजगार का अवसर भी उपलब्ध कराएगी।


नई योजना के अनुसार, प्रत्येक कैमरे की जानकारी विभाग को देनी होगी ताकि किसी भी प्रकार के नियम उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। कैमरे लगाने वाले लोगों की सत्यता की जांच भी विभाग करेगा, ताकि किसी प्रकार की अनियमितता न हो। विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि कैमरा लगाने वाले लोग केवल निगरानी तक ही सीमित रहें और व्यक्तिगत तौर पर किसी पर दबाव या असुविधा न डालें।


राज्य के विभिन्न जिलों में पहले से ही मुख्यालय और व्यस्त चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। इन कैमरों के माध्यम से बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों, सीट बेल्ट न पहनने वालों और ट्रिपल लोड वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। अब यह निगरानी गांव की गलियों तक बढ़ाई जाएगी।


विभाग के इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में इन सभी कैमरों का डेटा एकत्रित किया जाएगा। इस प्रणाली के माध्यम से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान तुरंत की जा सकेगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के लागू होने के बाद गली-मोहल्लों में यातायात नियम तोड़ना लगभग असंभव हो जाएगा।


विभाग का मानना है कि आम लोगों को इस योजना में जोड़ने से सड़कों पर व्यापक निगरानी स्थापित होगी। इससे न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी और अपराधी घटनाओं में समय पर कार्रवाई संभव होगी।


इस योजना के तहत सरकार आम लोगों को जिम्मेदारी देगी कि वे 15 से 20 साल तक निगरानी और चालान प्रक्रिया में सहयोग दें। इससे न केवल सड़क सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और जिम्मेदारी का अवसर भी मिलेगा।


विभाग ने यह स्पष्ट किया कि जिन स्थानों पर पहले से कैमरा नहीं है, वहां आम लोग आवेदन करके कैमरा लगवा सकेंगे। यह कदम स्थानीय समुदाय को भी यातायात सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने का मौका देगा। इसके अलावा, सरकार द्वारा चालान से प्राप्त राशि का एक हिस्सा सीधे उन लोगों को कमीशन के रूप में दिया जाएगा, जिन्होंने कैमरा लगाया और निगरानी की।


परिवहन विभाग के अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि इस नई पहल के लागू होने के बाद राज्य में सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित होगा। साथ ही, यह योजना आम लोगों को सड़क सुरक्षा और निगरानी प्रणाली के प्रति जागरूक भी बनाएगी।


नई साल से इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया के बाद निजी लोगों द्वारा कैमरा लगाने और चालान काटने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही, विभाग सड़कों और गलियों में निगरानी के दायरे को बढ़ाकर राज्य में सड़क सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम उठाएगा।