Bihar Teacher News: बिहार के 73 हजार शिक्षकों को बड़ा झटका, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र; जानिए.. Bihar Teacher News: बिहार के 73 हजार शिक्षकों को बड़ा झटका, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र; जानिए.. Bihar education news : बिहार में अब शाम को होगी ऑनलाइन स्मार्ट क्लास, केजीबीवी के हॉस्टलों में छात्राओं के लिए शुरू हुई खास डिजिटल व्यवस्था Rashtriya Lok Morcha : RLM के विधायक ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ खोला मोर्चा,कहा - नेतृत्व की नीयत धुंधली हो जाए तो ... Bihar Crime News: सीवान की JDU सांसद और विधायक को धमकी देने वाला हावड़ा से अरेस्ट, रंगदारी मांगकर फेमस होने की थी योजना Bihar Crime News: सीवान की JDU सांसद और विधायक को धमकी देने वाला हावड़ा से अरेस्ट, रंगदारी मांगकर फेमस होने की थी योजना IAS LOVE STROY : बिहार के IAS कपल की शादी जिसने सोशल मीडिया पर बनाई नई मिसाल, ग्रेजुएशन में फेल होने के बाद UPSC में किया टॉप Bihar Crime News: बिहार में गर्भवती महिला की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या करने का आरोप Indigo Operations: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा एक्शन, 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को किया सस्पेंड Indigo Operations: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा एक्शन, 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को किया सस्पेंड
30-Apr-2025 08:49 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में लागू शराबबंदी कानून के कथित दुरुपयोग पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया है। यह आदेश बेगूसराय जिले में इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी जा रहे एक एथेनॉल से लदे टैंकर की अनुचित जब्ती के मामले में दिया गया।
न्यायमूर्ति पी.बी. बजनथ्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ‘मधु ट्रांसपोर्ट’ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनकी टैंकर गाड़ी में 40,000 लीटर एथेनॉल लदा हुआ था और इसमें सभी आवश्यक वैध दस्तावेज मौजूद थे। इसके बावजूद पुलिस ने टैंकर को शराबबंदी कानून के तहत संदेह के आधार पर जब्त कर लिया और एफआईआर दर्ज कर दी।
हाईकोर्ट ने कहा कि टैंकर की जब्ती के समय उसमें पूरा एथेनॉल मौजूद था और डिजिटल लॉक भी सुरक्षित अवस्था में था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एथेनॉल का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ था। कोर्ट ने इसे राज्य के अधिकारियों द्वारा अधिकारों का अंधाधुंध प्रयोग करार दिया। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामले की विभागीय जांच कराए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। इसके साथ ही न्यायालय ने आदेश दिया और ₹1 लाख की राशि याचिकाकर्ता को मुआवजे के रूप में दी जाए व ₹1 लाख अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा किया जाए।
यह मामला बिहार में शराबबंदी कानून के कड़ाई से लागू होने के नाम पर हो रहे कथित दुरुपयोग की ओर इशारा करता है, जिसमें निर्दोष नागरिकों और व्यवसायों को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया जा रहा है। कोर्ट के इस निर्णय को कानून के दुरुपयोग के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
बिहार सरकार ने 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी। तब से अब तक हजारों मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि, इस कानून के क्रियान्वयन को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, खासकर जब औद्योगिक उपयोग के लिए वैध रूप से ले जाए जा रहे रासायनिक पदार्थों पर भी कार्रवाई की जाती है।