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15-Jan-2025 08:25 PM
By Viveka Nand
Bihar Politics: कुख्यात 'खान ब्रदर्स' आज 15 जनवरी को चिराग पासवान की पार्टी में शामिल हो गए. इन्हें शामिल कराने पार्टी सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान उड़नखटोले से सिवान गए थे. कई गंभीर केस के आरोपी कुख्यात खान ब्रदर्स( अयूब- रईस खान) अब चिराग पासवान के बिहार फर्स्ट-बिहार फर्स्ट के नारे को आगे बढ़ायेंगे. खान ब्रदर्स को दल में शामिल कराने के बाद मोदी कैबिनेट के मंत्री काफी गदगद दिखे. सूत्र बताते हैं कि कुख्यात को पार्टी में शामिल कराने के लिए सीवान जाने को 'उड़नखटोले' की व्यवस्था खान 'ब्रदर्स' की तरफ से ही की गई थी.
चिराग ने कुख्यात खान 'ब्रदर्स' का किया स्वागत
नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल चिराग पासवान ने बिहार ही नहीं बल्कि झारखंड से लेकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में आतंक का पर्याय रहे खान ब्रदर्स को पूरे तामझाम के साथ पार्टी में शामिल कराया. मंत्री जी खुद उन्हें शामिल कराने उनके घर(सिवान) गए। वहां, संकल्प सभा की और बड़े नेता को लोजपा(रा) में शामिल करा लिया .चिराग पासवान ने कई राज्यों में आतंक के पर्याय रहे खान ब्रदर्स (अयूब खान और रईस) को गले लगा लिया. दल में शामिल करने के बाद पार्टी की तरफ से कहा गया है कि खान ब्रदर्स का पार्टी में शामिल होना हमारे दल की प्रतिबद्धता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. लोजपा(रा) के आधिकारिक ट्वीटर 'एक्स' पर लिखा गया, '' आज सिवान के साहुली हाई स्कूल में चिराग पासवान के प्रेरणादायक नेतृत्व में "बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट" और "नव-संकल्प अभियान" से प्रेरित होकर मो. अयूब खान और मो. रईस खान ने हजारों समर्थकों की उपस्थिति में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की.
जेडीयू ने शामिल कराने से कर दिया था इंकार
वैसे, रईस खान काफी दिनों से जेडीयू में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से लेकर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा तक से मुलाकात की थी. लेकिन जेडीयू ने उन्हें पार्टी में शामिल करने से इंकार कर दिया था. अब चिराग का सहारा मिला है.
कौन हैं खान ब्रदर्स...?
सिवान के खान ब्रदर्स अयूब खान (बड़ा भाई) और रईस खान (छोटा भाई) पर बिहार सहित कई राज्यों के अलग-अलग थानों में अपराध की लंबी फेहरिस्त दर्ज है. रईस खान नाम के जिस “नेता” को अपनी पार्टी में शामिल कराने के लिए चिराग पासवान खुद सिवान गए, उनका परिचय क्या है. रईस खान बिहार के कई जिलों के साथ साथ दूसरे राज्यों में भी आतंक का पर्याय माने जाने वाले खान ब्रदर्स गैंग के दो भाईयों में से एक हैं. खान ब्रदर्स में रईस खान के साथ साथ उनके बड़े भाई अयूब खान शामिल हैं. इस गैंग पर हत्या, लूट, गोलीबारी, रंगदारी जैसे कई दर्जन मामले दर्ज हैं.खान ब्रदर्स पर हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी के मामले दर्ज हैं. रईस खान बिहार के इनामी मुजरिम रह चुके हैं. पुलिस ने रईस खान पर दो दफे इऩाम घोषित किया था. रईस खान का नाम सालों तक बिहार के टॉप टेन वांटेड की सूची में शामिल रहा. तीन साल पहले भी रईस खान पर एक पुलिस सिपाही की हत्या का आरोप लगा था. उसी समय एक प्रापर्टी डीलर की हत्या कराने का भी आरोप रईस खान पर लगा था. 2022 में खान गैंग पर सिवान में तीन युवकों को अगवा कर हत्या करने और फिर उनके शव के टुकड़े-टुकड़े कर सरयू नदी में फेंक देने का आरोप लगा था.
शहाबुद्दीन से अदावत
सिवान के खान गैंग की बहुत पहले से ही सिवान के डॉन शहाबुद्दीन से अदावत रही है. सिवान में जब तक शहाबुद्दीन अपने रूतबे में थे तब तक खान ब्रदर्स उस इलाके से दूर ही रहते थे. लेकिन शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजे जाने और फिर कोविड के दौरान उनकी मौते होने के बाद रईस खान ने सिवान में डेरा डाल लिया. खान ब्रदर्स का इरादा शहाबुद्दीन की विरासत पर कब्जा करने का रहा है.
MLC चुनाव के दौरान हुआ था हमला
रईस खान ने 2022 में स्थानीय निकाय कोटे से हुए विधान परिषद के चुनाव में सिवान से चुनाव लड़ा था. इसी दौरान रईस खान के काफिले पर एके-47 से हमला हुआ था. एमएलसी चुनाव के वोटिंग के दिन उनके काफिले पर रात के करीब 10 बजे एके 47 से गोलीबारी की गयी थी. हालांकि इसमें रईस खान बच गए थे. गोलीबारी में एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गयी थी. रईस खान ने अपने काफिले पर हुए हमले में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब सहित कुल 8 लोगों को आरोपी बनाया था.
रईस खान को चुनाव में टिकट मिलेगा
वैसे, चिराग पासवान ने रईस खान-अयूब खान को अपना लिया है. पार्टी की तरफ से क्लीयर नहीं किया गया है कि उन्हें टिकट दिया जायेगा या नहीं ? लेकिन रईस खान ने खुद मीडिया के सामने ये ऐलान किया था कि वे विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं और इसी कारण लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो रहे हैं. तब मीडिया से बात करते हुए रईस खान ने कहा था कि वह रघुनाथपुर या दरौंदा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वैसे पार्टी अगर किसी दूसरे क्षेत्र से भी टिकट देगी तो चुनाव लड़ लेंगे.