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13-Jun-2025 12:13 PM
By First Bihar
Bihar Police: बिहार पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए CBI और दिल्ली पुलिस की तर्ज पर एक नई पहल शुरू की है। पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों और न्यायालयों में कोर्ट प्रभारी और कोर्ट नायब की तैनाती का फैसला किया है, ताकि कोर्ट के आदेशों का समय पर पालन हो और मामलों का ट्रायल तेजी से पूरा हो सके। पटना में मार्च 2025 से शुरू इस प्रयोग की सफलता के बाद अब इसे पूरे बिहार के 1870 न्यायालयों और थानों में लागू करने की तैयारी है। अब तक इस व्यवस्था से गवाहों की पेशी और केस निपटारे में काफी तेजी आई है।
इस बारे में बात करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक पारसनाथ ने बताया कि कोर्ट प्रभारी (इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्टर रैंक) और कोर्ट नायब (सिपाही रैंक) कोर्ट से जारी समन, वारंट, और कुर्की जैसे आदेशों को समय पर लागू कराएंगे। पटना में इस व्यवस्था से पिछले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया है। इस साल अब तक 17,207 पुलिसकर्मियों, 3,318 डॉक्टरों और 49,515 अन्य गवाहों की गवाही दर्ज की गई है। यह व्यवस्था डकैती, लूट, अपहरण, आर्म्स एक्ट और मद्य निषेध जैसे मामलों में ट्रायल को और गति देगी।
हर जिले में स्पीडी ट्रायल के लिए डीएसपी से लेकर सब-इंस्पेक्टर के नेतृत्व में विशेष शाखाएं गठित हैं। अप्रैल 2025 में 849 नए केस स्पीडी ट्रायल के लिए चुने गए, जिनमें पटना के 40, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा के 30-30 केस शामिल हैं। बाकी 31 जिलों से 20-20 और आठ छोटे जिलों से 10-10 केस चुने गए हैं। CID के आईजी दलजीत सिंह ने बताया कि कोर्ट और थाना स्तर पर आदेशों का रिकॉर्ड मेंटेन करने से मॉनिटरिंग आसान होगी, जिससे केस निपटारे की रफ्तार बढ़ेगी।
यह पहल बिहार पुलिस को और जवाबदेह व जन-हितैषी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। पहले देरी के कारण कई अपराधी बच निकलते थे, लेकिन अब समयबद्ध जांच और ट्रायल से न्याय जल्द मिलेगा। नागरिकों से अपील है कि वे पुलिस और कोर्ट की इस प्रक्रिया में सहयोग करें। अगर आपके क्षेत्र में कोई अपराधी गतिविधि दिखे, तो तुरंत नजदीकी थाने या हेल्पलाइन (112) पर संपर्क करें।