आतंकी हमले के खिलाफ छातापुर में कैंडल मार्च, यह निर्दोष लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा पर हमला है: संजीव मिश्रा सीतामढ़ी में ट्रांसजेंडर से अवैध संबंध के चलते युवक की हत्या, पूजा समेत चार आरोपी गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से वापस लौट गई शैतान सिंह की बारात, बेकार गया 4 साल लंबा इंतजार IAS अधिकारी KK पाठक की बिहार से विदाई, अब केंद्र में निभाएंगे नई जिम्मेदारी Paghalgam Terror Attack: भारत इस दिन कर सकता है पाकिस्तान पर हमला, पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त का बड़ा दावा बिहार में समलैंगिक विवाह का मामला: 3 बच्चों की मां ने नाबालिग लड़की से की शादी Pahalgam Terror Attack: “चलो मंदिर चलते हैं”, कैसे भगवान शिव के आशीर्वाद ने बचा ली इस कपल की जान, पढ़कर आप भी कहेंगे “हर हर महादेव” हाजीपुर-शाहपुर पटोरी-बरौनी-मानसी के रास्ते दानापुर और सहरसा के बीच चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन का विस्तार, 29 अप्रैल से सुपौल तक परिचालन बिहार में भीषण गर्मी का सितम: औरंगाबाद में पारा 46.2 डिग्री पार, पटना के संपतचक में 45.7 °C, रात में बारिश होने की संभावना Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसियों को हम तंग नहीं करते लेकिन दंड देना राजा का कर्तब्य’ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
26-Apr-2025 12:56 PM
By First Bihar
Bihar News: बौद्ध, जैन, सूफी और रामायण सर्किट की तर्ज पर अब राज्य में प्राचीन शिव मंदिरों को आपस में जोड़ते हुए 'शिव सर्किट' विकसित किया जा रहा है। पर्यटन विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है।
पहले चरण में 9 प्रमुख शिव मंदिर चयनित
पर्यटन विभाग ने पहले चरण के तहत राज्य के 9 प्राचीन शिवालयों के चारों ओर कुल 278 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटक सुविधाएं विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। इनमें सबसे अधिक बजट मधेपुरा के सिंहेश्वर स्थान के लिए आवंटित किया गया है, जो करीब 90.27 करोड़ रुपये है।
चयनित मंदिरों की सूची और निर्धारित बजट इस प्रकार है
सिंहेश्वर स्थान - मधेपुरा - 90.27
श्री सोमेश्वर नाथ मंदिर - पूर्वी चंपारण - 70.00
बाबा कुशेश्वर स्थान - दरभंगा - 44.00
गोरखनाथ धाम - कटिहार - 14.25
बाबा तिलेश्वरनाथ मंदिर - सुपौल - 7.52
उमानाथ मंदिर, बाढ़ - पटना - 14.00
अशोक धाम - लखीसराय - 14.00
पतनेश्वर धाम - जमुई - 9.89
सुंदरनाथ धाम - अररिया - 14.00
धार्मिक मान्यता
ऐतिहासिक महत्व से जुड़े इन मंदिरों में कई शिवलिंग स्वयंभू माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान सुंदरनाथ धाम में भगवान शिव की उपासना की थी।
हरिहरनाथ कॉरिडोर: काशी की तर्ज पर होगा विकास
छपरा जिले के बाबा हरिहरनाथ मंदिर परिसर को 'हरिहरनाथ कॉरिडोर' के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसकी योजना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से प्रेरित है। इसके लिए परामर्शदाता नियुक्त कर लिया गया है, और जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।
अन्य शिवालयों को भी जोड़ा जाएगा
राज्य में कई ऐसे प्रसिद्ध शिवालय हैं जिन्हें अब तक पर्यटन नक्शे पर प्रमुखता नहीं मिल पाई थी। अब उन्हें भी क्रमश: शिव सर्किट में शामिल किया जाएगा। पर्यटन विभाग ने 12 जिलों के जिलाधिकारियों से सुझाव मांगे हैं, जिनमें से कुछ जिलों के सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।
प्रमुख शिवालय जिन्हें शिव सर्किट में लाने की योजना है
गरीबनाथ मंदिर- मुजफ्फरपुर
कपिलेश्वर स्थान- मधुबनी
भैरवस्थान शिव मंदिर- मुजफ्फरपुर,
बाबा कोटेश्वर नाथ- गया,
सिद्धेश्वरनाथ बराबर- जहानाबाद,
बटेश्वरनाथ मंदिर- बिहटा
गौरीशंकर- बैकुंठ धाम
बैकठपुर बूढ़ानाथ मंदिर- भागलपुर
गिद्धेश्वर महादेव- जमुई
शृंगीऋषि महादेव- लखीसराय
फुलेश्वरनाथ महादेव- खगड़िया
महेंद्रनाथ शिवमंदिर-सीवान
केसरनाथ मंदिर- केसरिया, पूर्वी चंपारण
बटेश्वरनाथ मंदिर- कहलगांव
सुल्तानगंज में भी बड़ा विकास कार्य
श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में स्थित जहाज घाट के पास रेलवे की 17.47 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया जा रहा है। यहां से बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) की पैदल यात्रा शुरू होती है। इसी क्षेत्र में स्थित अजगैबीनाथ मंदिर परिसर के समग्र विकास की भी योजना है।