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23-Nov-2025 08:14 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में सर्दी की दस्तक के साथ हवा का रूप रंग भी पुरी तरह से बदल गया है। ठंडी और कम गति वाली हवाओं ने प्रदूषण के कणों को फंसाकर लोगों की सांसों पर भारी संकट पैदा कर दिया है। शनिवार 23 नवंबर को हाजीपुर फिर से बिहार का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 से ऊपर पहुंच गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। पटना में AQI 166 दर्ज हुआ है जो 'अस्वास्थ्यकर' स्तर पर है। विशेषज्ञों के मुताबिक औद्योगिक धुंए, वाहनों का प्रदूषण और धूल के कण इसकी मुख्य वजह हैं। सांस, अस्थमा और हृदय रोगियों को अब बाहर निकलने से बचना चाहिए।
राज्य के 18 जिलों में हवा प्रदूषित रही है। पटना के विभिन्न इलाकों में AQI की बात करें तो दानापुर 136, पटना सिटी 100, तारामंडल 132, गांधी मैदान 160 और राजवंशी नगर 123। समनपुरा क्षेत्र में शाम को यह 281 तक पहुंच गया था जो बेहद चिंता की बात है। अन्य शहरों की बात करें तो सासाराम 165, बिहारशरीफ 148, राजगीर 137, आरा 137, गया 134, मुजफ्फरपुर 125, किशनगंज 125, औरंगाबाद 110 और मुंगेर 110 AQI के साथ मध्यम प्रदूषित श्रेणी में रहे। वहीं, कटिहार (96), छपरा (67), बेतिया (90), भागलपुर (94), मोतिहारी (84) और सहरसा (83) के लोगों को इस समस्या से आराम है।
ठंड के कारण हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण हवा में लटके रहते हैं। मानसून के बाद धूल कण बढ़ जाते हैं और सर्दियों में कोहरा इसमें और बढ़ोतरी कर देता है। वहीं, पटना में PM2.5 का स्तर 72 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पहुंच गया है जो WHO के मानक (15) से 4.8 गुना ज्यादा है। नगर निगम ने मुख्य सड़कों पर जल छिड़काव बढ़ा दिया है, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि वाहनों की संख्या कम करना और फैक्ट्रियों पर कंट्रोल जरूरी है। सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए जरुरी कदम उठाए हैं मगर उनसे बात नहीं बन रही।
लोगों से अपील है कि मास्क पहनें, घर पर एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें और धुंए से दूर रहें। बच्चों-बुजुर्गों को बाहर न घुमाएं। अगर हालात नहीं सुधरे तो स्कूल बंद करने का फैसला भी हो सकता है। बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। यह मौसम प्रदूषण का पीक टाइम है, इसलिए सबको जागरूक रहना ही होगा।