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Bihar News: ACS सिद्धार्थ का नया फरमान, बिहार के हर सरकारी स्कूल में अब होगा यह नया काम

Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में अब बायोमीट्रिक हाजिरी, आवासीय करियर सेंटर और मासिक पत्रिका होगी शुरू। ACS डॉ. एस. सिद्धार्थ का निर्देश, कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई।

Bihar News

15-Jun-2025 07:42 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा कर दी है। 14 जून 2025 को 'शिक्षा की बात: हर शनिवार' लाइव कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया है कि सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों की अब बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू होगी। राज्य के 538 प्रखंडों में आवासीय करियर सेंटर खोले जाएंगे, जहां शिक्षक छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करेंगे। साथ ही, सृजनात्मक लेखन को बढ़ावा देने के लिए मासिक पत्रिका का भी प्रकाशन होगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कोचिंग में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई होगी।


छात्रों की बायोमीट्रिक हाजिरी से कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य है, जैसा कि शिक्षकों के लिए पहले से लागू है। यह सिस्टम चेहरा स्कैन या फिंगरप्रिंट के जरिए काम करेगा, जिससे हाजिरी में पारदर्शिता आएगी। प्रत्येक प्रखंड में आवासीय करियर सेंटर स्थापित होंगे, जहां सरकारी शिक्षक BPSC, SSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देंगे। यह पहल ग्रामीण छात्रों को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक पहुंचाने के लिए है। मासिक पत्रिका पहली से पांचवीं, छठी से आठवीं और नौवीं से बारहवीं कक्षाओं के लिए अलग-अलग होगी। नौवीं से बारहवीं की पत्रिका में करियर गाइडेंस भी शामिल होगा और यह हर स्कूल की लाइब्रेरी में उपलब्ध रहेगी।


डॉ. सिद्धार्थ ने कहा है कि कोई भी सरकारी स्कूल ऐसा नहीं होगा जहां सभी विषयों और भाषाओं के शिक्षक न हों। अगर किसी स्कूल में किसी विषय का शिक्षक नहीं है, तो पड़ोसी स्कूल से शिक्षक भेजे जाएंगे। कोचिंग में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों की पहचान कर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। नवाचार और आविष्कार में रुचि रखने वाले छात्रों को प्रोत्साहन और संसाधन दिए जाएंगे। हर स्कूल में एटलस उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि शिक्षक छात्रों को मानचित्र पढ़ना सिखा सकें। यह कदम भौगोलिक जागरूकता बढ़ाने के लिए है। पत्रिका पढ़कर शिक्षक छात्रों को सृजनात्मक लेखन के लिए प्रेरित करेंगे, जिससे उनका लेखन कौशल और आत्मविश्वास बढ़ेगा।


शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) मिलकर पंजीकरण से लेकर सेंट-अप परीक्षा तक का वार्षिक कैलेंडर भी तैयार करेंगे। यह कैलेंडर पढ़ाई में व्यवधान से बचाएगा। दसवीं पास करने वाले छात्रों को उसी स्कूल में ग्यारहवीं और बारहवीं की पढ़ाई का मौका मिलेगा, लेकिन दूसरे स्कूल में दाखिला लेने वालों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) दिया जाएगा।