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17-Sep-2025 01:44 PM
By Viveka Nand
Bihar News: गया पथ प्रमंडल में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद पथ निर्माण विभाग ने जांच कराया. जांच के बाद विभाग ने गया पथ प्रमंडल सं-1 के वर्तमान और तत्कालीन कार्यपालक अभियंता को सस्पेंड किया. साथ ही फर्जी चालान लगाकर राशि निकासी के आरोपी सड़क निर्माण कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया. पथ निर्माण विभाग के इस आदेश के खिलाफ ठेकेदार पटना हाईकोर्ट गए. न्यायालय ने विभाग के आदेश को रद्द कर फिर से शो-कॉज पूछते हुए आदेश पारित करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद पथ निर्माण विभाग ने उक्त कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने का आदेश वापस लिया. साथ ही विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि, अब प्रक्रिया का पालन करते हुए आदेश पारित कर निर्णय लिया जायेगा. पथ निर्माण विभाग ने 11 जुलाई 2025 को ही यह आदेश जारी किया था. ठेकेदार के खिलाफ फिर से शो-कॉज पूछते हुए कार्रवाई वाली फाइल कहां पहुंची, विभाग के अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं. बड़ा सवाल यही है कि फिर से फाइल दौड़ेगी या डंप कर दी जायेगी?
जानें क्या है मामला.....
गया के ठेकेदार राजा कंस्ट्रक्शन पर आरोप था कि पथ प्रमंडल सं-1 गया के अंतर्गत जमुआवा-सेवतर पथ, भिंडस-चमनडीह सड़क और वजीरगंज-तपोवन पथ में कार्य के बदले जमा किए गए चालान के सत्यापन में अनियमितता पाई गई। इस आलोक में कार्रवाई करने की सिफारिश की गई। इसके बाद विभाग ने कंपनी से शो-कॉज पूछा. कंपनी राजा कंस्ट्रक्शन ने शो-कॉज का जवाब देने की बजाय कागजातों की मांग की. इसके बाद विभाग ने संवेदक राजा कंस्ट्रक्शन को 10 वर्षों के लिए कालीकृत करने का आदेश पारित कर दिया.
पटना हाईकोर्ट ने फिर से पूरी प्रक्रिया शुरू करने का दिया था आदेश
पथ निर्माण विभाग के इस आदेश के बाद कंपनी ने पटना हाईकोर्ट का रूख किया. पटना हाईकोर्ट ने 1 जुलाई 2025 को आदेश पारित किया. कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए समुचित समय दिए बिना कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के विभाग के निर्णय को गलत ठहराया. कोर्ट ने विभाग के आदेश को रद्द कर दिया. पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद पथ निर्माण विभाग ने 11 जुलाई 2025 को आदेश जारी किया. जिसमें कहा गया कि विभाग ने 9 जून 2025 को राजा कंस्ट्रक्शन को 10 वर्षों के लिए कालीकृत करने का आदेश जारी किया था, अब उसे निरस्त किया जाता है. साथ ही न्यायालय के आदेश का पूर्ण पालन करने के लिए प्रक्रियागत कार्रवाई करते हुए सकारण आदेश पारित कर निर्णय लिया जायेगा. अभियंता प्रमुख(कार्य प्रबंधन) की तरफ से यह पत्र जारी किया गया था. हालांकि इस आदेश के 2 महीने से अधिक का समय बीत गया, विभाग के स्तर से आगे की क्या कार्रवाई हुई है, यह किसी को पता नहीं. विभागीय सूत्र बताते हैं कि फाइल को डंप करा दिया गया है. कार्रवाई के संबंध में हमने पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख (कार्य प्रबंधन) से जानकारी लेनी चाही. लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका.