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कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (CSI) बिहार चैप्टर के 31वें वार्षिक अधिवेशन का समापन, डॉ. संजीव कुमार बने अध्यक्ष

Bihar News: कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (CSI), बिहार चैप्टर के 31वें वार्षिक अधिवेशन का पटना में समापन हुआ. एम्स पटना के कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार को नया अध्यक्ष चुना गया.

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05-Oct-2025 06:50 PM

By Viveka Nand

Bihar News: कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआई), बिहार चैप्टर के 31वें वार्षिक अधिवेशन  का आज समापन हो गया है. डॉ. संजीव कुमार को चैप्टर का अध्यक्ष चुना गया है. दो दिनों के गंभीर वैज्ञानिक सत्रों के समापन समारोह में सदस्यों ने अगले साल मिलने के वादे के साथ विदाई ली। समारोह में सत्र 2025 26 के लिए निर्वाचित अध्यक्ष एम्स पटना के कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार एवं सचिव पी एम सी एच के डॉ. अशोक कुमार की टीम से पदभार संभाला। निवर्तमान अध्यक्ष डॉ के के वरुण ने कमल सौंपते हुए आशा व्यक्त की के नई टीम को डॉ संजीव कुमार के अनुभव का लाभ मिलेगा एवं हृदय रोग के निवारण के क्षेत्र में टीम सफल काम करेगी ।

राज्य के प्रमुख कार्डियक सर्जन डॉ. संजीव कुमार  अविभाजित बिहार के शुरुआती कार्डियक सर्जनों में से एक हैं। जिन्हें पटना में बीटिंग हार्ट तथा ऑफ-पंप बायपास सर्जरी जैसी उन्नत तकनीकों की शुरुआत करने का श्रेय जाता है। उन्होंने मगध हॉस्पिटल एवं हार्ट हॉस्पिटल में कार्डियक सर्जरी यूनिट की स्थापना की .बाद में एम्स पटना में ओपन हार्ट सर्जरी की शुरुआत की। उन्होंने एम्स पटना में बायपास सर्जरी एवं वाल्व रिप्लेसमेंट जैसी जटिल शल्य क्रियाएं अब आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री राहत कोष तथा राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (RBSK) जैसी योजनाओं के तहत लगभग निःशुल्क की जा रही हैं, जिससे राज्य के गरीब मरीजों को अत्यधिक लाभ मिल रहा है।

डॉ कुमार जो रिम्स रांची से एमबीबीएस हैं, एम. सी. एच. (कार्डियक सर्जरी) संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ से किया तथा एम्स नई दिल्ली से सीनियर रेजीडेंसी एवं कई प्रमुख अस्पतालों में काम किया। यह पूर्व में  सी एस आई बिहार चैप्टर के सचिव एवं उपाध्यक्ष भी रहे हैं और अमेरिकन कॉलेज आफ सर्जन तथा इंडियन एसोसिएशन ऑफ कार्डियोथोरेसिक सर्जन से फैलोशिप कर चुके हैं। डॉ कुमार की पत्नी डॉ रंजना कुमार शहर की प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और उनकी बेटियाँ भी चिकित्सा क्षेत्र में हैं।

वरिष्ठ सदस्यों डॉ. यू. सी. सामल, डॉ. एस. एस. चटर्जी, डॉ. अजय सिन्हा, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. बी. बी. भारती एवं डॉ. अभिनव भगत ने नई टीम को बधाई दी और सफल कार्यकाल की शुभकामनाएँ दीं।दिन की शुरुआत में, दिल्ली के डॉ. आर.डी. यादव, चेन्नई के डॉ. उल्लास पांडुरंगी, दिल्ली के डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. सप्रे, पटना के डॉ. एस.एस. चटर्जी और वाराणसी की डॉ. प्रतिभा राय सहित कई विशेषज्ञों ने जन्मजात हृदय रोग के कैथेटर उपचार की नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि महंगे और लंबे उपचार की तुलना में जीवनशैली में परिवर्तन द्वारा रोकथाम अधिक आवश्यक है।

दिल्ली के डॉ. आर.डी. यादव, चेन्नई के डॉ. उल्लास पांडुरंगी, दिल्ली के डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. सप्रे, पटना के डॉ. एस.एस. चटर्जी और वाराणसी की डॉ. प्रतिभा राय सहित कई विशेषज्ञों ने जन्मजात हृदय रोग के कैथेटर उपचार की नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि महंगे और लंबे उपचार की तुलना में जीवनशैली में परिवर्तन द्वारा रोकथाम अधिक आवश्यक है।

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के. अग्रवाल और वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. अजीत प्रधान को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।कोलकाता के डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने डॉ. ए.के. ठाकुर ऑरेशन लेक्चर प्रस्तुत किया।