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Bihar News: कितना बचा है बख्तियारपुर-ताजपुर महासेतु का काम? बनने के बाद इन जिलों को होगा भरपूर फायदा

Bihar News: बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा पुल का 60% निर्माण कार्य हो चुका पूरा। 2026 तक पूर्ण होने की है उम्मीद। समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और पटना को जोड़ेगा यह पुल।

Bihar News

14-Jul-2025 08:33 AM

By First Bihar

Bihar News: बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु का निर्माण कार्य 60% पूरा हो चुका है। इसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। 5.51 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन पुल और 45.75 किलोमीटर के पहुंच पथ के साथ कुल 51.26 किलोमीटर की परियोजना पटना के करजान को समस्तीपुर के ताजपुर से जोड़ेगी। 13 जुलाई को सीएम नीतीश कुमार ने अथमलगोला प्रखंड के करजान से कल्याणपुर तक निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को 2026 तक काम पूरा करने का निर्देश दिया है। पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप पुदुकलकट्टी ने बताया है कि ताजपुर से चकलालशाही तक 16.2 किलोमीटर पहुंच पथ का निर्माण पूरा हो चुका है।


इस परियोजना की शुरुआत 2011 में 1602.74 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ हुई थी। जो अब बढ़कर 2875.02 करोड़ रुपये हो गई है। पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल के तहत बन रहे इस पुल का निर्माण कई बार रुका, जिसमें जमीन अधिग्रहण, वित्तीय समस्याएं और 2024 में एक स्पैन के गिरने की घटना शामिल है। इसके बावजूद बिहार सरकार ने 936 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग स्वीकृत की है और सीएम ने स्पष्ट किया है कि धन की कोई कमी नहीं होगी। हाल ही में निर्माण एजेंसी नवयुग इंजीनियरिंग को तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं, हालांकि 40% बचा काम एक साल में पूरा करना चुनौतीपूर्ण तो अवश्य है।


यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। जिससे समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और वैशाली के लोगों को सीधा फायदा होगा। यह पटना से समस्तीपुर की दूरी को 60 किलोमीटर तक कम करेगा और महात्मा गांधी सेतु व राजेंद्र सेतु पर यातायात का दबाव घटाएगा। पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और चिकित्सा केंद्रों तक पहुंच में समय की भी काफी बचत होगी। स्थानीय लोगों को भी आवागमन में सुविधा और व्यापार व कृषि में वृद्धि की उम्मीद है।


हालांकि, 2024 में नंदनी लगुनिया रेलवे स्टेशन के पास पहुंच पथ का एक स्पैन गिरने से निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल भी उठे हैं। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इसे भ्रष्टाचार से जोड़ा था, जबकि निर्माण एजेंसी ने इसे बेयरिंग बदलने की सामान्य प्रक्रिया बताया था। बिहार सरकार ने जिसके बाद जांच के आदेश दिए और निर्माण कार्य को तेज करने के लिए अब कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।