Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar News: स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह उर्फ जगमोहन सिंह का निधन, देश की आजादी में निभाई थी अहम भूमिका Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान
28-May-2025 08:41 AM
By First Bihar
Bihar Land Registry New Rules: जमीन और संपत्ति की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी है। केंद्र सरकार ने 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1908 को बदलने के लिए ‘पंजीकरण विधेयक 2025’ का मसौदा तैयार किया है, जो पूरे देश में ऑनलाइन और पारदर्शी रजिस्ट्री प्रणाली लागू करेगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने इस मसौदे को जनता की राय के लिए जारी किया है, ताकि इसे और बेहतर बनाया जा सके।
यह नया कानून बिहार जैसे राज्यों में जमीन विवादों और फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने में मदद करेगा, जहां भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया अक्सर जटिल और विवादास्पद रही है। नए विधेयक के तहत, अब एग्रीमेंट टू सेल, पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल सर्टिफिकेट, और इक्विटेबल मॉर्गेज जैसे दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
यह कदम बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता भी बढ़ाएगा, जहां अक्सर फर्जी दस्तावेजों के कारण विवाद सामने आते हैं। इसके साथ ही, रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल करने की योजना है। दस्तावेजों की ई-प्रस्तुति और ऑनलाइन सत्यापन से लोगों को बार-बार रजिस्ट्री कार्यालयों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे। बिहार में पहले से ही आधार आधारित सत्यापन और डिजिटल नक्शे जैसी प्रणालियाँ लागू हैं, और यह नया कानून इन्हें और भी मजबूत करने का काम करेगा।
केवल यही नहीं आधार आधारित सत्यापन को इस विधेयक में अनिवार्य करने का प्रस्ताव है, जिससे फर्जी रजिस्ट्री और बेनामी संपत्तियों पर अंकुश लगेगा। हालांकि, जिन लोगों को आधार साझा करने में आपत्ति होगी, उनके लिए वैकल्पिक सत्यापन की व्यवस्था भी रहने वाली है। बिहार में, जहां जमीन विवाद आम हैं, यह प्रणाली खरीदारों और विक्रेताओं को सुरक्षित लेन-देन की गारंटी देगी। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग और डिजिटल रिकॉर्ड के रख-रखाव से प्रक्रिया तेज और भ्रष्टाचार-मुक्त होगी। बिहार के जिला निबंधन कार्यालयों में पहले से लागू ई-निबंधन सॉफ्टवेयर इस दिशा में एक कदम है।
इस बारे में भूमि संसाधन विभाग का कहना है कि तकनीक के बढ़ते उपयोग और बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य ने आधुनिक रजिस्ट्री प्रणाली की जरूरत को उजागर किया है। जनता से 30 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गए हैं, ताकि इस कानून को और भी प्रभावी बनाया जा सके। बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों के लिए यह नया नियम समय, धन, और विवादों से बचाने वाला साबित हो सकता है।