Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला
07-Nov-2025 08:05 PM
By FIRST BIHAR
Bihar News: बिहार में अब बिना जमाबंदी और होल्डिंग के भी जमीन की खरीद-बिक्री की जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि बगैर जमाबंदी और होल्डिंग के जमीन की खरीद-बिक्री या दान नहीं हो सकता।
शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार के 10 अक्टूबर 2019 को निबंधन नियमावली के नियम 19 में किए गए संशोधन को भी रद्द करने का फैसला सुनाया। इस संशोधन के तहत यह प्रावधान किया गया था कि किसी भी जमीन की बिक्री या दान का रजिस्ट्रेशन तभी हो सकेगा, जब जमीन बेचने या दान देने वाले के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग कायम हो।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने शुक्रवार को समीउल्लाह की ओर से दायर एसएलपी (सिविल) पर सुनवाई के बाद 34 पन्नों का फैसला सुनाया। आवेदक की ओर से वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा और अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने दलील दी थी कि राज्य सरकार ने निबंधन नियमावली में अनुचित संशोधन किया था, जिससे आम नागरिकों के लिए जमीन की खरीद-बिक्री में बाधा उत्पन्न हो गई थी।
इससे पहले, 9 अक्टूबर 2019 को किए गए संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट ने संशोधन को सही ठहराते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। हाईकोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन आदेश पर 13 मई 2024 को रोक लगाते हुए कहा था कि संशोधन की तारीख के बाद किए गए निबंधन, इस मामले के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेंगे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि निबंधन पदाधिकारी का कार्य केवल दस्तावेजों का पंजीकरण करना है, न कि जमीन की वैधता या स्वामित्व पर निर्णय देना। यह अधिकार केवल संबंधित सिविल कोर्ट को प्राप्त है।
सुप्रीम कोर्ट ने विधि आयोग से यह भी अनुरोध किया है कि वह इस मुद्दे पर विस्तृत जांच करे और केंद्र व राज्य सरकारों के साथ-साथ आईटी विशेषज्ञों से परामर्श लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे।