मोतिहारी में साइबर ठग गिरोह का पाकिस्तान कनेक्शन उजागर, डिजिटल अरेस्ट कर करते थे ठगी National Teachers Award 2025: बिहार के तीन शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित; सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई National Teachers Award 2025: बिहार के तीन शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित; सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई JEHANABAD: एरिस्टो फार्मा ने बाढ़ राहत सामग्रियों का किया वितरण, 1000 बाढ़ प्रभावित परिवारों को मदद मुन्देश्वरी कॉलेज में बी.एड. सत्र 2025–27 के लिए दिक्षारंभ समारोह, शिक्षक और शिक्षा के महत्व पर डाला गया प्रकाश पूर्णिया में NDA का सम्मेलन: गिरिराज सिंह का तीखा हमला, बोले- सीमांचल से रोहिंग्या को निकालेंगे पूर्णिया में NDA का सम्मेलन: गिरिराज सिंह का तीखा हमला, बोले- सीमांचल से रोहिंग्या को निकालेंगे Purnea News: पूर्णिया में प्रेम प्रसंग में युवक की पीट-पीटकर हत्या, जेडीयू नेता की बेटी से प्यार पड़ा महंगा Purnea News: पूर्णिया में प्रेम प्रसंग में युवक की पीट-पीटकर हत्या, जेडीयू नेता की बेटी से प्यार पड़ा महंगा Bihar Politics: ‘बिहार के बच्चों के शरीर पर कपड़ा और पैरों में चप्पल नहीं, नेताओं को सिर्फ सत्ता की चिंता’ प्रशांत किशोर का हमला
25-Aug-2025 10:10 AM
By First Bihar
Bihar Job Scam: बिहार की राजधानी पटना में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। जक्कनपुर थाने की पुलिस ने रविवार, 24 अगस्त को मीठापुर के होटल माधो इंटरनेशनल में छापेमारी कर दो आरोपियों अजय कुमार सिन्हा (नालंदा) और उदय कुमार झा उर्फ अविनाश कुमार (समस्तीपुर), को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बीपीएससी इंजीनियरिंग भर्ती (कनीय और सहायक अभियंता) के लिए 50 लाख, शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE) के लिए 15 लाख, टीईटी के लिए 2 लाख और एएनएम भर्ती के लिए 6 लाख रुपये वसूलता था। पुलिस ने 23 अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र और कई बैंकों के हस्ताक्षरित व ब्लैंक चेक बरामद किए हैं। गिरोह के 15 अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी जारी है।
सिटी एसपी (पूर्वी) परिचय कुमार के अनुसार, गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी में अजय कुमार सिन्हा को होटल से पकड़ा गया, जिसके पास से कई अभ्यर्थियों के मूल प्रमाणपत्र मिले। पूछताछ में अजय ने उदय कुमार झा का नाम लिया, जिसे 23 अगस्त को समस्तीपुर से हिरासत में लिया गया था। आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उनके मूल प्रमाणपत्र और ब्लैंक चेक जमा कराते थे ताकि कोई सौदा तोड़ न सके। परीक्षा केंद्रों पर "सेटिंग" के लिए विशेष व्यवस्था की जाती थी जैसे अलग कमरे या फिर सहायता। हालांकि, अभी तक यह साबित नहीं हुआ कि गिरोह ने किसी को नौकरी दिलाई या नहीं। जांच में पता चला कि गिरोह ने टीआरई में तीन अभ्यर्थियों की सेटिंग की थी।
पुलिस ने होटल से 23 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, हस्ताक्षरित और ब्लैंक चेक बरामद किए हैं। सिटी एसपी ने बताया कि गिरोह के 15 अन्य सदस्यों के नाम सामने आए हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी चल रही है। जक्कनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू हो गई है। प्रमाणपत्रों की छानबीन और बैंकों के चेक की जांच से गिरोह के नेटवर्क का और खुलासा होने की उम्मीद है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि गिरोह ने कितने अभ्यर्थियों से ठगी की और क्या वाकई में कोई नौकरी दिलाई गई है।
हालांकि, पटना में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले 2022 में बीपीएससी पेपर लीक मामले में आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव के नेतृत्व में एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें हाईटेक गैजेट्स और 12 लाख रुपये बरामद किए गए थे। इसी तरह, अप्रैल 2025 में पटना हाईकोर्ट और सचिवालय में नौकरी के नाम पर 50 लोगों से ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा गया था। इन घटनाओं से साफ है कि बिहार में नौकरी के नाम पर ठगी का जाल फैला हुआ है, जिसके खिलाफ पुलिस और प्रशासन को और सख्ती बरतने की जरूरत है। अभ्यर्थियों को भी सलाह दी जाती है कि वे ऐसे लुभावने ऑफर्स से सावधान रहें और केवल आधिकारिक चैनलों के जरिए नौकरी के लिए आवेदन करें।