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25-Aug-2025 09:52 AM
By First Bihar
Bihar Cyber Cell: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। राजनैतिक दलों और उनके समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल अपने विचार और एजेंडा प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है। चुनावी माहौल को देखते हुए फेसबुक, ट्विटर (अब एक्स), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रचार का सशक्त माध्यम बन चुके हैं। हालांकि इसके साथ ही गलत जानकारी, भ्रामक पोस्ट और आपत्तिजनक टिप्पणियों का प्रसार भी बढ़ गया है।
इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit - EOU) ने सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट के माध्यम से निगरानी कड़ी कर दी है ताकि कोई भी व्यक्ति या समूह सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सांप्रदायिक तनाव, भ्रामक सूचनाएं या चरित्र हनन जैसे कृत्य न कर सके।
EOU से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 के पहले सात महीनों (जनवरी से जुलाई) के दौरान कुल 432 आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को चिह्नित किया गया, जिनमें से 15 मामलों में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त, 115 विवादित, भ्रामक व फर्जी प्रोफाइल्स या पोस्ट को संबंधित सोशल मीडिया कंपनियों के सहयोग से हटाया गया है।
बचे हुए 288 मामलों की जांच संबंधित जिलों की साइबर सेल द्वारा की जा रही है। यह पोस्ट अधिकतर धार्मिक, सांप्रदायिक, जातिगत और व्यक्तिगत मानहानि से जुड़े हुए पाए गए हैं। कुछ मामलों में AI (Artificial Intelligence) के ज़रिए बनाए गए फर्जी वीडियो या फोटो से चरित्र हनन की कोशिश की गई, जिन पर तत्काल कार्रवाई करते हुए यूज़र की पहचान कर पोस्ट को टेकडाउन किया गया।
EOU की साइबर शाखा न केवल सोशल मीडिया पर निगरानी रख रही है, बल्कि साइबर ठगी मामलों पर भी सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रही है। जनवरी से जुलाई 2025 तक की रिपोर्ट के अनुसार-
कुल ऑनलाइन ठगी की शिकायतें: 46,022
ठगी की कुल राशि: ₹250 करोड़
होल्ड की गई राशि: ₹57.52 करोड़
रिफंड कराई गई राशि: ₹4.51 करोड़
निष्पादित साइबर केस: 1,335
गिरफ्तार साइबर अपराधी: 145
ब्लॉक किए गए मोबाइल नंबर: 5,131
ब्लॉक किए गए IMEI नंबर: 3,960
इससे स्पष्ट है कि ईओयू और साइबर थाना इकाइयाँ मिलकर साइबर अपराध और डिजिटल दुष्प्रचार के विरुद्ध लगातार सक्रिय हैं। चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन द्वारा मतदाताओं से भी अपील की जा रही है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सूचनाओं की सत्यता की जांच करें, और किसी भी आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट की सूचना संबंधित साइबर सेल को दें। साथ ही राजनीतिक दलों को भी निर्देशित किया गया है कि वे चुनाव आचार संहिता का पालन करें और प्रचार के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उत्तरदायित्वपूर्ण उपयोग करें।