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29-Apr-2025 03:07 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Education News: बिहार में शिक्षकों की समस्या का समाधान अब चुटकियों में होगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए बड़ी व्यवस्था कर दी है। शिक्षा विभाग के ACS एस. सिद्धार्थ ने राज्यभर के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर इससे जुड़ा निर्देश जारी किया है। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों को अपनी शिकायत दर्ज करने का नया विकल्प मिल गया है।
दरअसल, शिक्षकों की समस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए शिक्षा विभाग ने एक स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट की स्थापना की है। इसके अंतर्गत ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों को अपनी शिकायत दर्ज करने का विकल्प दिया गया है। इस पोर्टल पर राज्य सरकार के अधीन कार्यरत कोई भी शिक्षक अपने लॉगइन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि शिक्षकों की शिकायतों के निराकरण के लिए विभाग ने कई तरह की व्यवस्था कर रखी है। जिसमें जिला और प्रखंड स्तर पर इनकी समस्याओं के निष्पादन के लिए प्रत्येक शनिवार को जनता दरबार का आयोजन भी शामिल है ताकि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही किया जाए लेकिन उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर निवारण नहीं होने से शिक्षक मुख्यालय में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में अपनी शिकायत दर्ज कराने लगे हैं।
जबकि शिक्षकों द्वारा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में समर्पित आवेदनों को जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजकर उनका निष्पादन कराया जाता है। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं होने से बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य मुख्यालय पहुंच जाते हैं। कभी-कभी तो ऐसा भी देखा गया है कि वे अपने पूरे परिवार के साथ अपनी समस्याएं लेकर वरीय पदाधिकारियों से मिलने सचिवालय पहुंच जाते हैं। इससे शिक्षकों को व्यक्तिगत कठिनाई तो होती ही है, वहीं राज्य मुख्यालय का कार्य भी बाधित होता है। उन्होंने कहा कि बार-बार क्षेत्रीय पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे स्थानीय स्तर पर ही शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा है कि ऐसा लगता है कि इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
उन्होंने बताया अब सारी शिकायतें स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट पर दर्ज करने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, निदेशक मध्याह्न भोजन योजना के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव इन शिकायतों को एक साथ देख सकेंगे। जबकि भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत केवल प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक और अपर मुख्य सचिव ही देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी का यह दायित्व है कि शिकायतों का निष्पादन कर अनुपालन प्रतिवेदन इसी ई-शिक्षा कोष पर अपलोड करेंगे, ताकि अपर मुख्य सचिव के जन शिकायत कोषांग द्वारा समय-समय पर अनुपालन की समीक्षा हो सके। शिक्षक भी दर्ज की गई अपनी शिकायत को लेकर की गई कार्रवाई को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर देख सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह वेबसाइट मूल आवेदन के लिए नहीं है। शिक्षक अपना मूल आवेदन अभी भी स्थानीय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को ही समर्पित करेंगे। यदि उनके स्तर पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे अपनी शिकायत इस पोर्टल में दर्ज कर सकते हैं। जबकि आम जनता पूर्व की तरह अपनी शिकायत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से दर्ज कर सकते हैं। अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग की इच्छा है कि शिक्षक विद्यालयों में रहकर शैक्षणिक कार्य करेंगे और अनावश्यक रूप से विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाकर अपना समय व्यर्थ नहीं करेंगे।
ये शिकायतें पोर्टल पर करा सकते दर्ज
लंबित वेतन भुगतान, अवकाश, सेवा संबंधी शुद्धियां, पीएम पोषण योजना, सरकारी योजना से संबंधित मामले, अन्य विद्यालयों की शिकायतें, भ्रष्टाचार, यौन प्रताड़ना, शिक्षकों के विरुद्ध शिकायतें, स्थानांतरण संबंधी शिकायतें, आपातस्थिति और अपने सुझाव।