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06-Oct-2025 08:57 AM
By First Bihar
Bihar Women Scheme: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तीसरे चरण की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने अपने सरकारी आवास, 1 अणे मार्ग पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 21 लाख महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी।
यह योजना जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी महिला को व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रारंभिक सहायता के रूप में 10,000 रुपये की पहली किस्त दी जाती है। आगे चलकर, सफल व्यवसाय संचालन पर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को की थी। उस दिन उन्होंने देशभर की 75 लाख महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपये की राशि DBT के माध्यम से हस्तांतरित की थी। इसके बाद बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3 अक्टूबर को दूसरे चरण के तहत 25 लाख महिला लाभार्थियों को यह राशि दी थी। आज तीसरे चरण के तहत 21 लाख महिलाओं को लाभ मिला है। इस तरह अब तक 1.21 करोड़ महिलाएं इस योजना से सीधे जुड़ चुकी हैं।
महिला लाभार्थी यह जानने के लिए कि उनके खाते में राशि आई है या नहीं, योजना की आधिकारिक वेबसाइट mmry.brlps.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह योजना बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “महिलाओं की भागीदारी के बिना समाज का विकास संभव नहीं। जीविका दीदियों ने पूरे बिहार में आत्मनिर्भरता का नया मॉडल पेश किया है।”
राजनीतिक रूप से भी यह योजना बिहार में बड़ा प्रभाव डाल सकती है। विधानसभा चुनाव से पहले NDA इस योजना को अपने ‘चुनावी ब्रह्मास्त्र’ के रूप में देख रहा है। पिछले चुनावों में महिला वोटरों की भूमिका निर्णायक रही है। 2020 के चुनाव में भी महिलाओं ने NDA की जीत में अहम योगदान दिया था। अब जब 1.21 करोड़ महिलाओं को इस योजना से सीधा लाभ मिला है, तो यह संख्या राज्य के महिला वोट बैंक का बड़ा हिस्सा मानी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, NDA ने बूथ स्तर पर महिला एवं युवा कार्यकर्ताओं को तैनात कर इस योजना का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में दूसरे चरण के कार्यक्रम में महिलाओं से अपील की थी—“चुनाव आ रहे हैं, ध्यान दीजिएगा।” इसे राजनीतिक संदेश के रूप में देखा गया कि नीतीश कुमार महिलाओं के बीच एनडीए के समर्थन को और मजबूत करना चाहते हैं।
वहीं, महागठबंधन (RJD, कांग्रेस और वामदल) ने इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि यह योजना चुनाव से पहले महिलाओं को लुभाने की कोशिश है। आरजेडी ने ‘माई बहन मान योजना’ की घोषणा की है, जिसके तहत महिलाओं को 2,500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ एनडीए के लिए चुनावी ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकती है। एंटी-इंकम्बेंसी माहौल के बावजूद यदि महिलाएं इस योजना से खुश रहीं, तो यह एनडीए के पक्ष में बड़ा जनसमर्थन खींच सकती है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां जीविका दीदियों का मजबूत नेटवर्क है।
कुल मिलाकर, यह योजना न केवल बिहार की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर बन रही है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी यह राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज तीसरे चरण की राशि जारी करते हुए संदेश दिया कि उनकी सरकार विकास और महिला सशक्तिकरण के एजेंडे पर आगे बढ़ रही है — और यही संदेश एनडीए के चुनावी अभियान का केंद्र बनने जा रहा है।