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20-Sep-2025 09:04 AM
By First Bihar
Digital Census 2027 : देश में होने वाली जनगणना 2027 को लेकर बिहार सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। शुक्रवार को मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति (SLCCC) की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें जनगणना कार्यों का स्वरूप, चरणवार कार्यक्रम, डिजिटल मोड में संचालन और पूर्व परीक्षण की प्रक्रिया शामिल है।
दो चरणों में होगी जनगणना। जिसमें बैठक में तय किया गया कि जनगणना 2027 का संचालन दो चरणों में होगा। पहला चरण (हाउस लिस्टिंग व मकानों की गणना): अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच 30 दिनों में पूरा किया जाएगा। दूसरा चरण (वास्तविक जनगणना): 9 फरवरी से 28 फरवरी 2027 तक चलेगा। मुख्य सचिव ने साफ किया कि जनगणना एक समयबद्ध कार्यक्रम है। इसलिए पूर्व परीक्षण, राजपत्र अधिसूचना और दिशा-निर्देशों का पालन तय समय पर करना सभी विभागों की जिम्मेदारी होगी।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि राज्य की 534 ग्रामीण और 263 शहरी प्रशासनिक इकाइयों के क्षेत्राधिकार पर चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है कि अधिसूचना के अनुसार 31 दिसम्बर 2025 से 31 मार्च 2027 तक प्रशासनिक सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसका मतलब यह हुआ कि जनगणना अवधि में बिहार की प्रशासनिक इकाइयों की स्थिति यथावत रहेगी।
पहली बार डिजिटल मोड में जनगणना। जनगणना 2027 का सबसे बड़ा आकर्षण यह होगा कि इसे पूर्णतः डिजिटल मोड में किया जाएगा। इसके लिए विशेष प्लेटफॉर्म और पोर्टल विकसित किए जा रहे हैं। सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (CMMS) पोर्टल हाउस लिस्टिंग ब्लॉक्स (HLBS) डिजिटल लेआउट मैप (DLM) इसी के साथ प्रगणकों और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षण, चार्ज रजिस्टर और पहचान पत्र भी डिजिटल रूप में तैयार होंगे। इससे जनगणना की पारदर्शिता और कार्यक्षमता दोनों बढ़ेंगी।
राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि पूर्व परीक्षण (Pre-Test) कार्य अक्टूबर-नवंबर 2025 में तीन जिलों में आयोजित होंगे। सीतामढ़ी (डुमरा),नवादा (रजौली), सारण (सोनपुर) यह परीक्षण मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किया जाएगा। इसमें कुल 448 प्रखंड शामिल होंगे।
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि पूर्व परीक्षण के लिए प्रगणकों और पर्यवेक्षकों की सूची संबंधित जिलाधिकारी 25 सितम्बर 2025 तक निदेशालय को उपलब्ध कराएंगे। इसमें यह अनिवार्य होगा कि 25 से 50 प्रतिशत महिला प्रगणकों का चयन किया जाए। इसका उद्देश्य महिलाओं की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना है, ताकि समाज के सभी वर्गों का बेहतर प्रतिनिधित्व हो सके।
जनगणना 2027 को लेकर सरकार ने प्रगणकों और पर्यवेक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी योजना बनाई है। इसमें उन्हें मोबाइल एप्लिकेशन, डिजिटल लेआउट मैप और CMMS पोर्टल के उपयोग की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन और सपोर्ट टीम भी तैनात होगी।
जनगणना किसी भी देश के विकास की आधारशिला मानी जाती है। यह न केवल जनसंख्या का सही आंकड़ा प्रस्तुत करती है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, शहरीकरण और सामाजिक योजनाओं के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाती है। बिहार सरकार का मानना है कि डिजिटल जनगणना से आंकड़े ज्यादा सटीक और शीघ्र उपलब्ध होंगे।
जनगणना 2027 के लिए बिहार सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और इसे समयबद्ध व पारदर्शी ढंग से संचालित करने का लक्ष्य रखा है। पहली बार पूरी तरह डिजिटल होने जा रही यह जनगणना न केवल राज्य बल्कि देश के लिए भी ऐतिहासिक कदम होगी। सीएमएमएस पोर्टल, मोबाइल एप्लिकेशन और महिला प्रगणकों की भागीदारी इस प्रक्रिया को और भी सशक्त बनाएगी।