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03-Dec-2025 07:28 AM
By First Bihar
Winter Session Bihar : बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को अपने तीसरे दिन महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। आज राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सेंट्रल हॉल में विधान मंडल के दोनों सदनों—विधानसभा और विधान परिषद—की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। सुबह 11:30 बजे होने वाले इस अभिभाषण में राज्यपाल नई सरकार की नीतियों, प्राथमिकताओं और आगामी विकास योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। साथ ही, सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट भी पेश किया जा सकता है। यह बजट सरकार की नई योजनाओं और अधूरे कार्यों की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राज्यपाल का अभिभाषण: सरकार की दिशा और नीति का खाका
नई सरकार के गठन के बाद यह पहला शीतकालीन सत्र है। राज्यपाल का अभिभाषण इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें सरकार अपने अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को स्पष्ट करेगी। इसमें रोजगार, कानून-व्यवस्था, अधोसंरचना विकास, कृषि सुधार, निवेश बढ़ाने और सामाजिक कल्याण जैसी योजनाओं की जानकारी शामिल हो सकती है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार इस अभिभाषण के माध्यम से अपने एजेंडे को स्पष्ट करने का प्रयास करेगी।
दूसरा अनुपूरक बजट: विकास कार्यों को रफ्तार देने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, अभिभाषण से पहले सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश कर सकती है। यह बजट उन योजनाओं के लिए अतिरिक्त धन आवंटन का अवसर प्रदान करता है, जो पहले के बजट में शामिल नहीं हो पाई थीं या जिन पर तेजी से काम शुरू करने की आवश्यकता है। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पुल-पुलिया और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने जैसी योजनाओं को इसमें वरीयता दी जा सकती है।
उपाध्यक्ष के लिए नरेंद्र नारायण यादव का नामांकन
सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया। 4 दिसंबर को चुनाव होना है, लेकिन राजनीतिक गणित देखें तो उनका निर्वाचित होना लगभग तय है। यह मात्र औपचारिकता ही रह गई है। दरअसल, बिहार में 2024 में जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़कर NDA का दामन थामा था, तब भी स्पीकर का पद बीजेपी के पास और उपाध्यक्ष का पद जदयू के पास था। उस समय भी नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष थे। इस बार भी NDA सरकार इसी परंपरा को आगे बढ़ा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए
सत्र में एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम मंगलवार को सामने आया, जब भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. प्रेम कुमार को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। उनके चयन को सरकार और विपक्ष, दोनों की ओर से एक सकारात्मक संदेश माना जा रहा है। डॉ. प्रेम कुमार अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर इस पद के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। वे लंबे समय से बिहार विधानसभा में सक्रिय और प्रभावी विधायी भूमिका निभाते रहे हैं।
नए विधायकों का शपथ ग्रहण पूरा, दो को छोड़कर 141 ने ली शपथ
विधानसभा के नए विधायकों के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कुल 141 विधायकों ने शपथ ले ली है। हालांकि, दो विधायकों—मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह और गोपालगंज के कुचायकोट से विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय—का शपथ ग्रहण अभी बाकी है। दोनों विधायकों के कानूनी मामलों और कोर्ट की कार्यवाही के कारण शपथ में विलंब हो रहा है। विधानसभा सचिवालय के अनुसार, जैसे ही औपचारिकताएं पूरी होंगी, दोनों विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी।
सत्र में आगे क्या?
शीतकालीन सत्र का यह चरण सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद उस पर चर्चा होगी, जिसके माध्यम से विपक्ष सरकार की नीतियों और फैसलों पर सवाल उठाएगा। दूसरी ओर, सरकार अपनी उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को मजबूती से सामने रखेगी। अनुपूरक बजट पर भी सदन में विस्तृत चर्चा की उम्मीद है।
राज्य की राजनीति में हाल के महीनों में हुए बदलावों के बीच यह सत्र कई दृष्टियों से अहम है। सरकार जनता के लिए अपने वादों और कार्यक्रमों को गति देने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्ष इस दौरान अपनी सक्रियता दिखाने के मूड में है। आज का दिन शीतकालीन सत्र का निर्णायक दिन माना जा रहा है, जिस पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई हैं।