ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Teacher News: चुनाव से पहले राज्य सरकार का मास्टरस्ट्रोक, बिहार के इतने शिक्षको के वेतन में होगी बढ़ोतरी PATNA METRO : 'पटना मेट्रो में आपका स्वागत है ...', राजधानी के लोगों को मिली बड़ी सुविधा, इस रूट पर दौड़ने लगी ट्रेनें Bihar Assembly Election: Election से पहले जानिए EVM की कहानी: कब और कैसे हुई थी शुरुआत? BIHAR ELECTION : बिहार को लेकर आयोग आज कर सकता है तारीखों का एलान, लागू होंगे 17 नए बदलाव Patna News: पटना में मॉर्निंग वॉक के दौरान रिटायर्ड कर्मचारी से लूट, पुलिस जांच में जुटी Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 243 विधानसभा क्षेत्रों में कब हुई थी वोटिंग ? जानें पूरा शेड्यूल UPI ID Setting: अब आप खुद के पसंद से कर सकते हैं UPI ID सेट, जानें... कैसे? Bihar Politics: दो दिनों के बाद भी बिहार BJP की बैठक में कैंडिडेट के नाम को लेकर नहीं बन सकी सहमती,अब दिल्ली में बनेगी फाइनल लिस्ट Bihar Police: क्या आप भी पुलिस में बहाल होने के लिए देख रहे हैं सपने? ऐसे भरें फॉर्म; जानें पूरी डिटेल Bihar News: बिहार के इस जिले को मिला विकास की गति, बनेगा दो फोरलेन सड़क

Bihar Assembly Elections 2025: EC का बड़ा फैसला, नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक बन सकेंगे नए मतदाता; कई नवाचार होंगे लागू; जानिए

Bihar Assembly Elections 2025: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची सुधार, 1200 वोटर प्रति बूथ, मोबाइल मतदान और डिजिटल पारदर्शिता सहित 17 नए नवाचारों की जानकारी दी।

Bihar Assembly Elections 2025

06-Oct-2025 08:39 AM

By First Bihar

Bihar Assembly Elections 2025: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव-2025 की तैयारियों को लेकर रविवार को पटना में प्रेस वार्ता की। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यदि कोई पात्र नागरिक मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से वंचित रह गया है तो वह नामांकन की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक आवेदन कर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकता है। यह कदम उन लोगों के लिए राहत की तरह है, जो किसी कारणवश विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में छूट गए थे।


उन्होंने बताया कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए उससे पहले चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार का चुनाव देशभर के लिए उदाहरण बनेगा। खास बात यह रही कि ज्ञानेश कुमार पहले ऐसे मुख्य चुनाव आयुक्त बने, जिन्होंने प्रेस वार्ता को भोजपुरी और मैथिली भाषा में भी संबोधित किया।


मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व बनाया जाएगा, ठीक उसी तरह जैसे छठ महापर्व पूरे समाज को जोड़ता है। उन्होंने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले मतदाताओं का आभार भी व्यक्त किया। आयोग के साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू, डॉ. विवेक जोशी, आयोग के महानिदेशक आशीष गोयल और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद कुमार सिंह गुजियाल समेत कई अधिकारी मौजूद थे।


चुनाव आयोग ने इस बार 17 बड़े नवाचार लागू करने की घोषणा की है। इनमें सबसे अहम यह है कि अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। सभी 90,000 से अधिक बूथों पर मोबाइल रखने की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही, 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी, जबकि पहले यह 50-60 प्रतिशत तक सीमित थी।


ईवीएम और बैलेट पेपर में भी सुधार किया गया है। अब उम्मीदवारों की फोटो कलर में होगी और सीरियल नंबर बड़े फॉन्ट में दिए जाएंगे। यदि मतगणना के दौरान फार्म-17 सी और ईवीएम काउंटिंग यूनिट में कोई असमानता पाई जाती है तो संबंधित वीवीपैट की पूर्ण गिनती अनिवार्य होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदाताओं की सुविधा के लिए वोटर इन्फार्मेशन स्लिप बड़े फॉन्ट और स्पष्ट रंगों में उपलब्ध कराई जाएगी। बीएलओ की पहचान के लिए फोटो आईडी कार्ड जारी किए गए हैं, जिससे मतदाता उन्हें आसानी से पहचान सकें। वोटर कार्ड वितरण की प्रक्रिया को तेज कर 15 दिनों में पूरा करने का प्रावधान किया गया है।


उम्मीदवारों के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है। अब प्रत्याशी अपने बूथ को पोलिंग स्टेशन से 100 मीटर की दूरी तक ही स्थापित कर सकेंगे। साथ ही, राजनीतिक दलों से आग्रह किया गया है कि वे हर बूथ पर एजेंट की नियुक्ति सुनिश्चित करें।


आयोग ने इस बार डिजिटल पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया है। चुनाव परिणाम के बाद डिजिटल इंडेक्स कार्ड्स वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। वहीं, पोस्टल बैलेट की गिनती, ईवीएम काउंटिंग के अंतिम दो चरण से पहले पूरी करनी होगी।


बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में 243 ईआरओ और 90,217 बीएलओ ने मिलकर मतदाता सूची को शुद्ध बनाने का कार्य किया है। ईआरओ के निर्णय पर जिलाधिकारी के पास अपील करने का अधिकार रहेगा। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है और यहां से ही चुनाव सुधारों की नई दिशा देश को मिलेगी। बिहार में लागू होने वाली इन पहलों को बाद में पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस तरह, बिहार विधानसभा चुनाव-2025 न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के चुनावी ढांचे के लिए एक मिसाल बनेगा।