ब्रेकिंग न्यूज़

पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने

Bihar News: विधानमंडल में होने जा रहा बड़ा आयोजन, देशभर के स्पीकर-डिप्टी स्पीकर होंगे शामिल; 43 वर्षों के बाद बिहार कर रहा मेजबानी

Bihar News: बिहार विधानमंडल में आगामी 20-21 जनवरी को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इस बार बिहार इस दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। 43 वर्षों के बाद बिहार में यह आयोजन होने जा रहा है.

Bihar News

14-Jan-2025 09:05 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार विधानमंडल में एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है। आगामी 20 और 21 जनवरी को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति, उपसभापति, केन्द्रशासित प्रदेश के के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष शामिल होंगे। 


दरअसल, संविधान में संसद या राज्य विधान मंडल को अपने-अपने सदन के संचालन की प्रक्रिया बनाने का अधिकार प्राप्त है। इसके तहत सभी विधायी निकायों ने अपना-अपना कार्यसंचालन नियमावली बनाया है। मोटे तौर पर यह समान स्वरूप में है। परन्तु संसद सहित कई राज्यों में कुछ प्रक्रिया एवं नियम अलग-अलग भी हैं।


संसदीय प्रणाली में यह परम्परा रही है कि सभी निकाय एक दूसरे के सम्पर्क में रहें, एक दूसरे की प्रक्रियाओं का अध्ययन करें और एक दूसरे की प्रक्रियाओं को जो सहज रूप में स्वीकार्य हों, उसे अपनाएं। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह सम्मेलन अखिल भारतीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष किसी-न-किसी राज्य में होता रहा है। इस बार यह मौका बिहार को मिला है। 


बिहार को यह मौका लगभग 43 वर्षों के बाद मिला है। इसके पहले यह 1982 में बिहार हुआ था। यह बिहार में तीसरा सम्मेलन होगा। सबसे पहले दिनांक 6 एवं 7 जनवरी, 1964 को पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन बिहार विधान सभा में हुआ था। उस समय स्व० लक्ष्मी नारायण सुधांशु, विधान सभा के अध्यक्ष थे। उसके बाद 1982 में और अब 2025 में यह हो रहा है।


पीठासीन अधिकारियों के इस सम्मेलन के आयोजन का इतिहास काफी पुराना है। यह पहली दफा यह सन 1921 को शिमला में आयोजित हुआ था। उस वक्त आज की संसद सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव एसेम्बली के रूप में थी। अलग-अलग प्रोभिन्स में विधायी निकाय भी थे। वर्षों तक यह नियमित अन्तराल पर नहीं हुए इसलिए अभी जो यह पटना में होने वाला है। उसकी संख्या 85वाँ (पचासिवों) 84वाँ सम्मेलन मुम्बई में हुआ था।


इसके पहले यह सम्मेलन लोक सभा और होस्ट राज्य के संयुक्त तत्वाधान में होता है। लोकसभा अध्यक्ष इस सम्मेलन के पदेन सभापति होते हैं। इस सम्मेलन में राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश जी भी रहेंगे। इस सम्मेलन के दो सत्र होते हैं। आरम्भिक सत्र एवं विमर्श सत्र। आरम्भिक सत्र में प्रेस के लोग शामिल होंगे। विमर्श सत्र में सिर्फ पीठासीन अधिकारी ही रहेंगे।


इस बार इस सम्मेलन का आरम्भिक सत्र 20 जनवरी होगा। यह विस्तारित भवन के सेन्ट्रल हॉल में होगा। विस्तारित भवन के पोर्टिको के दक्षिण भाग में ग्रुप फोटोग्राफी होगी। दिन के 12 बजे से डेढ बजे तक आरम्भिक सत्र होगा तत्पश्चात लंच और फिर ढाई बजे से विमर्श सत्र शुरू होगा। विमर्श सत्र में विमर्श का विषय काफी सामयिक है। हमलोग संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसलिए विषय जो लोक सभा द्वारा निर्धारित किया गया है।


इसके लिए सभा सचिवालय पूरे मनोयोग से कार्य कर रहा है। बारह अलग अलग कोषांग बनाए गए हैं। डायरेक्टर और उप सचिव उसके प्रभारी है। सारा कार्यक्रम इसी विधान मंडल परिसर में होना है। आरंभिक सत्र सेन्ट्रल हॉल में होगा और विमर्श सत्र सभा वेश्म में होगा। अतिथियों के लिए लंच, डिनर और सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था मुख्य भवन के सामने वाले गार्डन में होगा। यहां मुख्य भवन और विस्तारित भवन के बीच एक प्रदर्शनी लगायी जाएगी। इसमें संसदीय प्रणाली, अब तक के आयोजन एवं सभी राज्यों के विधान सभा, विधान परिषद के चित्र, वहां के पीठासीन अधिकारी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्र रहेगा।