ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए अब करना होगा यह काम, लागू हुआ परिवहन विभाग का नया नियम Bihar Ias Officers: बिहार के 16 DM समेत 29 IAS अफसर 26 दिनों के लिए कहां जा रहे ? सरकार ने सभी अधिकारियों को भेजी जानकारी, लिस्ट देखें... Bihar News: तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर तीखा हमला, सड़क से सदन तक आंदोलन की दे दी चेतावनी Samastipur News: निलंबित ASI के घर छापेमारी में हथियारों का जखीरा बरामद, STF के साथ मुठभेड़; सर्च ऑपरेशन जारी Bihar CM: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली रवाना, निजी कार्य या बड़ा गेम प्लान? जानिए.. Bihar Crime News: घर से उठाकर ओझा की हत्या, 17 लोगों पर FIR; 2 गिरफ्तार Bengaluru Stampede Update: बेंगलुरु भगदड़ कांड में बड़ा एक्शन, RCB के मार्केटिंग हेड एयरपोर्ट से अरेस्ट; 3 अन्य पर पुलिस का शिकंजा Bihar Job Camp: 24 हजार तक सैलरी, 300 पदों पर भर्ती; इस जिले में 4 दिन तक रोजगार मेला India-England Test Series: बदल गया भारत-इंग्लैंड सीरीज का नाम, अब इन दिग्गजों के नाम पर खेली जाएगी टेस्ट श्रृंखला Shashi Tharoor: अमेरिका में बैठ थरूर की पाकिस्तान को चेतावनी, बोले "धैर्य की परीक्षा ली तो अगली बार अंजाम होगा और भी भयानक"

Shamshan Ghat Mystery: महिलाओं का श्मशान घाट पर जाना क्यों वर्जित है? गरुड़ पुराण में लिखा है कारण

सनातन धर्म में परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं का एक गहरा महत्व है, जो जीवन के हर पहलू को दिशा प्रदान करती हैं। इन्हीं मान्यताओं के तहत मृत्यु के बाद किए जाने वाले अंतिम संस्कार को भी अत्यधिक महत्व दिया गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Feb 2025 06:30:29 AM IST

Shamshan Ghat Mystery

Shamshan Ghat Mystery - फ़ोटो Shamshan Ghat Mystery

Shamshan Ghat Mystery: सनातन धर्म में जीवन के 16 संस्कारों का विशेष महत्व है, जिनमें से अंतिम संस्कार (अंत्येष्टि) सबसे अंतिम और महत्वपूर्ण संस्कार है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद हिंदू धर्म में विधि-विधान से दाह संस्कार किया जाता है। इस प्रक्रिया में शव को श्मशान घाट ले जाया जाता है, लेकिन महिलाओं का श्मशान घाट पर जाना वर्जित माना गया है। इसके पीछे कई धार्मिक, सामाजिक, और मनोवैज्ञानिक कारण बताए गए हैं। गरुड़ पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि महिलाओं का श्मशान घाट पर जाना क्यों मना है।


1. महिलाओं की संवेदनशीलता

गरुड़ पुराण के अनुसार, महिलाएं स्वभाव से अधिक संवेदनशील मानी जाती हैं। किसी प्रियजन की मृत्यु के समय उनका मनोबल कमजोर हो सकता है। श्मशान घाट का माहौल अत्यधिक भावुक और पीड़ादायक होता है, जो महिलाओं पर गहरा मानसिक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में उन्हें श्मशान घाट जाने से बचाने का प्रावधान है, ताकि वे इस मानसिक आघात से सुरक्षित रह सकें।


2. बुरी शक्तियों का प्रभाव

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्मशान घाट को बुरी आत्माओं और शक्तियों का स्थान माना जाता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि श्मशान घाट में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। शोकग्रस्त महिलाएं भावनात्मक रूप से कमजोर होने के कारण इन बुरी शक्तियों का शिकार हो सकती हैं। इसलिए, उन्हें श्मशान घाट जाने से रोका जाता है।


3. घर की देखभाल और आत्मा का निवास

गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद व्यक्ति की आत्मा कुछ समय तक अपने घर के आसपास ही रहती है। ऐसे में घर की रक्षा और देखभाल करना आवश्यक होता है। चूंकि पुरुष शव लेकर श्मशान घाट जाते हैं, इसलिए महिलाओं को घर पर रहकर वातावरण को शुद्ध और सुरक्षित बनाए रखने का दायित्व सौंपा जाता है।


4. मुंडन की अनिवार्यता

श्मशान घाट में शव का अंतिम संस्कार करने के बाद, पुरुषों को मुंडन कराना अनिवार्य होता है। लेकिन महिलाओं और लड़कियों का मुंडन कराना अशुभ माना गया है। यह भी एक प्रमुख कारण है कि महिलाओं को श्मशान घाट जाने की अनुमति नहीं दी जाती।


5. सामाजिक परंपराएं और रीति-रिवाज

हिंदू समाज में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करने वाले माहौल से बचाना है। हालांकि, यह परंपरा समय और परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग समुदायों में भिन्न हो सकती है।


महिलाओं का श्मशान घाट पर न जाने का प्रावधान गरुड़ पुराण और सामाजिक परंपराओं में गहराई से निहित है। इसका उद्देश्य महिलाओं को मानसिक और शारीरिक कष्ट से बचाना, घर की देखभाल सुनिश्चित करना और नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से दूर रखना है। हालांकि, आधुनिक समय में इन परंपराओं पर प्रश्न भी उठते हैं, और कई परिवार इन मान्यताओं का पालन करने या न करने का निर्णय परिस्थितियों के आधार पर लेते हैं।