Bihar News: प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए अब करना होगा यह काम, लागू हुआ परिवहन विभाग का नया नियम Bihar Ias Officers: बिहार के 16 DM समेत 29 IAS अफसर 26 दिनों के लिए कहां जा रहे ? सरकार ने सभी अधिकारियों को भेजी जानकारी, लिस्ट देखें... Bihar News: तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर तीखा हमला, सड़क से सदन तक आंदोलन की दे दी चेतावनी Samastipur News: निलंबित ASI के घर छापेमारी में हथियारों का जखीरा बरामद, STF के साथ मुठभेड़; सर्च ऑपरेशन जारी Bihar CM: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली रवाना, निजी कार्य या बड़ा गेम प्लान? जानिए.. Bihar Crime News: घर से उठाकर ओझा की हत्या, 17 लोगों पर FIR; 2 गिरफ्तार Bengaluru Stampede Update: बेंगलुरु भगदड़ कांड में बड़ा एक्शन, RCB के मार्केटिंग हेड एयरपोर्ट से अरेस्ट; 3 अन्य पर पुलिस का शिकंजा Bihar Job Camp: 24 हजार तक सैलरी, 300 पदों पर भर्ती; इस जिले में 4 दिन तक रोजगार मेला India-England Test Series: बदल गया भारत-इंग्लैंड सीरीज का नाम, अब इन दिग्गजों के नाम पर खेली जाएगी टेस्ट श्रृंखला Shashi Tharoor: अमेरिका में बैठ थरूर की पाकिस्तान को चेतावनी, बोले "धैर्य की परीक्षा ली तो अगली बार अंजाम होगा और भी भयानक"
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 08 Mar 2025 06:00:23 AM IST
Palmistry - फ़ोटो Palmistry
Palmistry: हस्तरेखा विज्ञान में हथेली पर विभिन्न प्रकार के शुभ और अशुभ चिन्हों का विशेष महत्व बताया गया है। ये चिन्ह व्यक्ति के भविष्य, व्यक्तित्व और जीवन में आने वाली संभावित बाधाओं या सफलताओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण चिन्ह "जाल" का होता है, जो हथेली के विभिन्न पर्वतों और रेखाओं पर अलग-अलग प्रभाव डालता है।
क्या जाल चिन्ह शुभ होता है?
हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, हथेली पर किसी भी स्थान पर जाल का निशान होना सामान्यतः शुभ संकेत नहीं माना जाता। यह चिन्ह जीवन में कठिनाइयों, बाधाओं और संघर्षों को दर्शाता है। खासकर, यदि यह मणिबंध रेखा, शनि पर्वत या केतु पर्वत पर स्थित हो, तो जातक को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
हथेली के विभिन्न भागों पर जाल चिन्ह के प्रभाव
1. मणिबंध रेखा पर जाल चिन्ह
यदि किसी व्यक्ति की मणिबंध रेखा (हथेली के निचले हिस्से की कलाई से जुड़ी रेखा) पर जाल का निशान है, तो यह जीवन में उन्नति में बाधाओं का संकेत देता है। ऐसे जातकों को कार्यक्षेत्र में निराशा मिल सकती है और सफलता पाने के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है।
2. शनि पर्वत पर जाल चिन्ह
शनि पर्वत, जो मध्यमा उंगली के नीचे स्थित होता है, यदि वहां जाल का निशान पाया जाए, तो यह आलस्य, निराशा और कठिनाइयों को दर्शाता है। ऐसे व्यक्ति अपने करियर में अस्थिरता का सामना कर सकते हैं और उन्हें कड़ी मेहनत के बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते।
3. केतु पर्वत पर जाल चिन्ह
केतु पर्वत हथेली के नीचे, मणिबंध रेखा के पास स्थित होता है। यदि इस स्थान पर जाल का निशान है, तो जातक को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह चिन्ह मानसिक तनाव, अनिश्चितता और रोगों के संकेत देता है।
क्या करें यदि हथेली में जाल चिन्ह हो?
यदि आपकी हथेली में जाल का निशान है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ उपाय और सतर्कता अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है:
अपने इष्टदेव की पूजा करें और नियमित रूप से मंत्रों का जाप करें।
आलस्य से बचें और अपने कार्यों में सक्रियता बनाए रखें।
शनिदेव और केतु से संबंधित उपाय करें, जैसे दान देना और नियमित रूप से हनुमान चालीसा या शिव मंत्र का जाप करना।
स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और संतुलित दिनचर्या अपनाएं।
हस्तरेखा विज्ञान में जाल का चिन्ह सामान्यतः शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि यह जीवन में संघर्ष और बाधाओं को दर्शाता है। हालांकि, सतर्कता और उचित उपायों के माध्यम से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। जो लोग इस निशान के प्रभाव में आते हैं, उन्हें मेहनत, धैर्य और सकारात्मकता के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।