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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 03 Mar 2025 06:38:44 AM IST
Goddess Durga - फ़ोटो Goddess Durga
Goddess Durga: गुड़ी पड़वा सनातन धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है और चैत्र नवरात्र का भी शुभारंभ होता है। विशेष रूप से महाराष्ट्र में यह पर्व सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गुड़ी (एक विशेष ध्वज) फहराने की परंपरा होती है, जो समृद्धि, विजय और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
गुड़ी पड़वा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 29 मार्च 2025, शाम 04:27 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 मार्च 2025, दोपहर 12:49 बजे
उदया तिथि गणना के अनुसार गुड़ी पड़वा: 30 मार्च 2025
इस दिन से चैत्र नवरात्रि की भी शुरुआत होगी, जो मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की उपासना का पावन पर्व है।
गुड़ी पड़वा पर बनने वाले शुभ योग
इंद्र योग – शाम 05:54 बजे तक रहेगा, जो समृद्धि और उन्नति के लिए शुभ माना जाता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग – शाम 04:35 बजे से शुरू होगा, जिससे किए गए कार्य सफल होते हैं।
अन्य योग – बव, बालव और कौलव करण के संयोग बनेंगे, जो शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने जाते हैं।
पंचांग अनुसार महत्वपूर्ण समय
सूर्योदय: सुबह 06:13 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:38 बजे
चंद्रोदय: शाम 06:34 बजे
चंद्रास्त: शाम 07:50 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:41 बजे से 05:27 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 बजे से 03:19 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:37 बजे से 07:00 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 12:02 बजे से 12:48 बजे तक
गुड़ी पड़वा का धार्मिक महत्व
इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इसे सृष्टि का प्रथम दिवस भी कहा जाता है।
भगवान राम की अयोध्या वापसी के उपलक्ष्य में भी इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस दिन घर के बाहर गुड़ी फहराने की परंपरा है, जो सुख-समृद्धि और विजय का प्रतीक होती है।
मां दुर्गा की उपासना कर भक्त नवरात्र का व्रत रखते हैं, जिससे जीवन में शांति और सौभाग्य आता है।
गुड़ी पड़वा पर क्या करें?
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर की साफ-सफाई करें।
दरवाजे पर आम और अशोक के पत्तों का तोरण लगाएं।
घर के मुख्य द्वार पर गुड़ी (ध्वज) फहराएं, जो विजय और सौभाग्य का प्रतीक है।
भगवान ब्रह्मा, भगवान राम और देवी दुर्गा की पूजा करें।
मीठा प्रसाद, खासकर पूरन पोली बनाकर घर के सदस्यों में बांटें।
गुड़ी पड़वा नए संकल्पों, सकारात्मकता और मंगलमय जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आगमन होता है। यह दिन नववर्ष की शुरुआत और चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ के रूप में विशेष महत्व रखता है। अतः इस पर्व को श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाना चाहिए।