ब्रेकिंग न्यूज़

Parbatta Assembly : परबत्ता में जनसभा के दौरान कुर्सी टूटी, मंच पर चिराग और देवेंद्र फड़णवीस गिरे धड़ाम! Bihar Election 2025: बिहार पहुंचकर महागठबंधन पर बरसे मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, कर दिया यह बड़ा दावा Bihar Election 2025: बिहार पहुंचकर महागठबंधन पर बरसे मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, कर दिया यह बड़ा दावा Anant Singh : अनंत सिंह के जेल जाने के बाद अब मोकामा में 'ललन बाबु' संभालेंगे कमान, बदल जाएगा मोकामा का समीकरण Bihar Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच कांग्रेस उम्मीदवार के घर पुलिस की रेड, जानिए.. क्या है पूरा मामला? ANANT SINGH : CJM कोर्ट में पेशी के बाद बेउर जेल रवाना हुए अनंत सिंह, 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेजे गए 'छोटे सरकार' NEET Exam: भारत में मेडिकल एजुकेशन में बड़ा बदलाव, NEET नहीं...अब यह परीक्षा बदलेगी डॉक्टर बनने की पूरी प्रक्रिया; जानें डिटेल Anant Singh : अनंत सिंह को कोर्ट में पेश करने के लिए रवाना हुई बिहार पुलिस, दो अन्य आरोपी के साथ CJM के सामने होगी पेशी Anant Singh: अनंत सिंह के गिरफ्तार होते ही चर्चा में आए दोनों जुड़वा बेटे, जानिए कहां तक की है पढ़ाई और चुनाव लड़ने को लेकर क्या है विचार? Bihar Politics: बेगूसराय में राहुल गांधी, कन्हैया कुमार और मुकेश सहनी ने पोखर में लगाई छलांग, मछुआरों के साथ पकड़ने लगे मछलियां

वोटर लिस्ट रिवीजन पर RJD की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, तेजस्वी बोले..वंचितों के वोट कटने का खतरा

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (वोटर लिस्ट रिवीजन) के खिलाफ आरजेडी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है और इसे वंचित तबकों के खिलाफ बताया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 06 Jul 2025 09:18:06 PM IST

Bihar

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया - फ़ोटो GOOGLE

PATNA: बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR)के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राजद की ओर से यह याचिका राज्यसभा सांसद मनोज झा की तरफ से दायर की गई है। पहले महागठबंधन के नेताओं ने बिहार निर्वाचन आयोग से मिलकर मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया पर रोक की मांग की थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंच गया है।


राजद का कहना है कि चुनाव आयोग केवल 11 विशेष दस्तावेज जिनमें सबसे जुड़ने योग्य आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड जैसे कागजात शामिल नहीं है।  यह निर्णय कई वंचित वर्गों के मताधिकार पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि बिहार से बाहर स्थायी या अस्थायी रूप से काम करने वाले 4 करोड़ से अधिक श्रमिकों को केवल 18 दिन में सत्यापन का मौका देना न्यायसंगत नहीं है। 


उन्होंने पूछा कि क्या सरकार उन्हें सत्यापन कराने बिहार लाने की व्यवस्था करेगी या उनका वोट काटने का हसरत रखती है? राजद ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए कहा कि वयस्क मताधिकार किसी दस्तावेज पर निर्भर नहीं होना चाहिए। इस प्रक्रिया से गरीब और ग्रामीण जनता की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक भागीदारी प्रभावित की जा रही है। राजद के नेताओं ने पहले भी बिहार निर्वाचन आयोग से मिलकर मतदाता सत्यापन को तत्काल प्रभाव से टालने की मांग की थी और ज्ञापन भी सौंपा था। 


उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। राजद की ओर से दाखिल याचिका में ECI द्वारा निर्धारित गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया जिसमें गणना फॉर्म, दस्तावेज सत्यापन और संभावित आपत्तियों का समय समय पर सवाल उठाया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा और देखेगा कि क्या ECI के निर्देश समयबद्ध,न्यायसंगत और संवैधानिक रूप से उपयुक्त हैं।