Bihar Crime News: सुपौल में 21 वर्षीय की रॉड से पिटाई, फिर सिर काटकर नदी में फेंका Bihar Ias Officer: बिहार में PM मोदी की जनसभा को लेकर 5 आईएएस अफसरों की लगी ड्यूटी...आज से ही सभी को मोतिहारी भेजा गया, लिस्ट देखें... Bihar Teacher News: बिहार में फिर से बड़े पैमाने पर 'शिक्षकों' की होगी बहाली...जल्द होगी TRE 4 परीक्षा, CM नीतीश ने दिया आदेश Patna News: गांधी मैदान थाना के SHO सस्पेंड, लापरवाही और नाकामी की मिली सजा Patna Police: पटना का एक 'थानेदार' सस्पेंड, गोपाल खेमका मर्डर मामले में पाई गई थी लापरवाही, SSP की रिपोर्ट पर आईजी ने किया निलंबित Bihar News: मां भगवती मंदिर में चेन स्नैचिंग की कोशिश, दो महिलाएं गिरफ्तार Road Accident: सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत, 2 की हालत गंभीर Bihar News: पटना में इन 2 जगहों पर बनेंगे मदर स्टेशन, CNG की किल्लत से मिलेगा छुटकारा Bihar News: बिहार में हर किसान को दिए जाएंगे ₹6000, करना है बस इतना सा काम Bihar News: कोर्ट से कैदी भगाने की साजिश नाकाम, 3 पिस्टल और 20 कारतूस के साथ 4 बदमाश गिरफ्तार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 06 Jul 2025 09:18:06 PM IST
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया - फ़ोटो GOOGLE
PATNA: बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR)के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राजद की ओर से यह याचिका राज्यसभा सांसद मनोज झा की तरफ से दायर की गई है। पहले महागठबंधन के नेताओं ने बिहार निर्वाचन आयोग से मिलकर मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया पर रोक की मांग की थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंच गया है।
राजद का कहना है कि चुनाव आयोग केवल 11 विशेष दस्तावेज जिनमें सबसे जुड़ने योग्य आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड जैसे कागजात शामिल नहीं है। यह निर्णय कई वंचित वर्गों के मताधिकार पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि बिहार से बाहर स्थायी या अस्थायी रूप से काम करने वाले 4 करोड़ से अधिक श्रमिकों को केवल 18 दिन में सत्यापन का मौका देना न्यायसंगत नहीं है।
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार उन्हें सत्यापन कराने बिहार लाने की व्यवस्था करेगी या उनका वोट काटने का हसरत रखती है? राजद ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए कहा कि वयस्क मताधिकार किसी दस्तावेज पर निर्भर नहीं होना चाहिए। इस प्रक्रिया से गरीब और ग्रामीण जनता की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक भागीदारी प्रभावित की जा रही है। राजद के नेताओं ने पहले भी बिहार निर्वाचन आयोग से मिलकर मतदाता सत्यापन को तत्काल प्रभाव से टालने की मांग की थी और ज्ञापन भी सौंपा था।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। राजद की ओर से दाखिल याचिका में ECI द्वारा निर्धारित गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया जिसमें गणना फॉर्म, दस्तावेज सत्यापन और संभावित आपत्तियों का समय समय पर सवाल उठाया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा और देखेगा कि क्या ECI के निर्देश समयबद्ध,न्यायसंगत और संवैधानिक रूप से उपयुक्त हैं।