Election Commission on Rahul Gandhi: ‘हलफनामा दें, आरोप गलत निकला तो लेंगे कानूनी एक्शन’ राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग सख्त

Election Commission on Rahul Gandhi: कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी से मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों पर शपथ पत्र मांगा है। आयोग ने राहुल के आरोपों को भ्रामक और तथ्यहीन बताया है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 07 Aug 2025 04:31:47 PM IST

Election Commission on Rahul Gandhi

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Election Commission on Rahul Gandhi: कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र भेजा है। इस पत्र में राहुल गांधी से मतदाता सूची में अयोग्य मतदाताओं के नाम जोड़ने और योग्य मतदाताओं के नाम हटाने के आरोपों के संबंध में शपथ पत्र मांगा गया है। साथ ही, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को 1 से 3 बजे दोपहर तक राहुल गांधी और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात का समय भी निर्धारित किया है।


दरअसल, राहुल गांधी ने कर्नाटक में मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप लगाए थे, जिन पर राज्य के चुनाव आयोग ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी। आयोग ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने 8 अगस्त 2025 को मिलने के लिए समय मांगा था, जिसे स्वीकृत कर दिया गया है। 


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पत्र में कहा है कि मतदाता सूची को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पारदर्शी तरीके से तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची नवंबर 2024 में और अंतिम सूची जनवरी 2025 में कांग्रेस के साथ साझा की गई थी, लेकिन इसके बाद कांग्रेस की ओर से कोई आपत्ति या शिकायत दर्ज नहीं की गई।


चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि वे एक शपथ पत्र के माध्यम से उन व्यक्तियों के नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर सहित जानकारी दें, जिनके नाम गलत तरीके से जोड़े या हटाए गए हैं। साथ ही हलफनामे में यह भी घोषित करना होगा कि दी गई जानकारी सत्य और प्रमाणित है। यदि कोई झूठी जानकारी पाई जाती है तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।


पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चुनाव परिणामों को केवल उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका के माध्यम से ही चुनौती दी जा सकती है। बता दें कि राहुल गांधी ने लगातार वोट चोरी और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। इस पर भारत निर्वाचन आयोग ने उनके बयानों को भ्रामक, तथ्यहीन और धमकाने वाला बताया है।