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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 21 Nov 2025 07:22:32 AM IST
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार - फ़ोटो GOOGLE
Nitish Kumar: मुख्यमंत्री पद की 10वीं बार शपथ लेने वाले नीतीश कुमार देश के इकलौते नेता बन गए हैं। इससे पहले वे नौ बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब दसवीं शपथ के साथ उन्होंने एक ऐसा राजनीतिक रिकॉर्ड बना दिया है, जिसे तोड़ना बेहद मुश्किल माना जा रहा है। नीतीश न सिर्फ बार–बार मुख्यमंत्री बनने वाले नेता हैं, बल्कि वे बिहार के सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले मुख्यमंत्री भी हैं। आज की तारीख तक वे 19 वर्ष 115 दिन मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जो अपने आप में एक अनोखा कीर्तिमान है। उनका कुल कार्यकाल बिहार के 17 पूर्व मुख्यमंत्रियों के संयुक्त कार्यकाल से भी अधिक है, जो राजनीति में उनकी स्थिरता, स्वीकार्यता और रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है।
नीतीश कुमार के इतने लंबे कार्यकाल को समझने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों की सूची और उनके कार्यकालों पर नजर डालना आवश्यक है। बिहार में 1946 में प्रांतीय सरकार के गठन के बाद से अब तक 23 लोग मुख्यमंत्री बन चुके हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश का कार्यकाल एक वर्ष से भी कम रहा। कई मुख्यमंत्री कुछ ही महीनों में बदल दिए गए, जिससे बिहार लंबे समय तक राजनीतिक अस्थिरता का सामना करता रहा।
राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह, जिन्हें देश में “श्री बाबू” के नाम से जाना जाता है, 1946 में अंतरिम मुख्यमंत्री बने और बाद में 1947 से लेकर 1961 तक लगातार मुख्यमंत्री रहे। वे बिहार के पहले नेता थे जिन्होंने दस वर्ष से अधिक समय तक राज्य का नेतृत्व किया। इसके बाद कई नेताओं को दोबारा मुख्यमंत्री बनने का मौका तो मिला, लेकिन स्थिरता बहुत कम लोगों ने कायम रखी।
विनोदानंद झा 1961 से 1963 के बीच दो बार मुख्यमंत्री बने। भोला पासवान शास्त्री का कार्यकाल कई संक्षिप्त टर्म्स में बंटा रहा—1968 में 22 मार्च से 29 जून तक, फिर 1969 में 22 जून से 4 जुलाई तक और तीसरी बार 1971 में 2 जून से 9 जनवरी 1972 तक। कर्पूरी ठाकुर, जिन्हें जननायक के नाम से जाना जाता है, ने भी दो बार मुख्यमंत्री पद संभाला—पहली बार 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तक और दूसरी बार 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक।
इसी तरह जगन्नाथ मिश्रा ने 11 अप्रैल 1975 से 30 अप्रैल 1977, फिर 8 जून 1980 से 14 अगस्त 1983 और तीसरी बार 8 दिसंबर 1989 से 10 मार्च 1990 तक तीन कार्यकालों में मुख्यमंत्री रहे। वे बिहार में कांग्रेस के अंतिम मुख्यमंत्री साबित हुए। 1990 में सत्ता परिवर्तन की नई कहानी लिखते हुए लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने और उन्होंने 10 मार्च 1990 से 28 मार्च 1995 तथा फिर 4 अप्रैल 1995 से 25 जुलाई 1997 तक दो कार्यकाल पूरे किए।
लालू यादव के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं और उन्होंने तीन अलग-अलग कार्यकालों में 25 जुलाई 1997 से 11 फरवरी 1999, फिर 9 मार्च 1999 से 2 मार्च 2000 और 11 मार्च 2000 से 6 मार्च 2005 तक राज्य की बागडोर संभाली।
इसी बीच 3 मार्च 2000 को नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन यह कार्यकाल केवल सात दिन चला और 10 मार्च 2000 को उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा। हालांकि, उनका असली राजनीतिक उदय 24 नवंबर 2005 को शुरू हुआ जब वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और राज्य में लंबे समय के लिए स्थिर नेतृत्व की शुरुआत हुई। तब से आज तक वे नौ बार मुख्यमंत्री की शपथ ले चुके हैं, जबकि केवल 20 मई 2014 से 22 फरवरी 2015 तक ही वे मुख्यमंत्री पद से दूर रहे। इस अवधि में उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था।
बिहार में स्थिर राजनीतिक नेतृत्व का इतिहास बहुत छोटा है। पूरे राज्य में अब तक केवल आठ मुख्यमंत्री ऐसे हुए जिन्हें दोबारा पद संभालने का मौका मिला, जबकि 15 मुख्यमंत्री अपना पहला कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सके। दस मुख्यमंत्री ऐसे हुए जिनका कार्यकाल एक वर्ष से भी कम रहा। यह आंकड़ा बताता है कि बिहार में लंबे समय तक टिके रहना बेहद कठिन रहा है।
इन सभी नामों में सिर्फ दो ही मुख्यमंत्री ऐसे हुए जिन्हें दस वर्ष से अधिक समय तक सत्ता में रहने का अवसर मिला—श्रीकृष्ण सिंह और नीतीश कुमार। लेकिन नीतीश कुमार इस मामले में भी उनसे आगे निकल चुके हैं, क्योंकि उनका कार्यकाल न सिर्फ अधिक लंबा है, बल्कि अधिक राजनीतिक उतार–चढ़ावों और गठबंधनों के बीच भी उन्होंने अपनी स्थिति बरकरार रखी है।
नीतीश कुमार की राजनीति का यह सफ़र बिहार में स्थिरता और बदलाव दोनों का प्रतीक है। वे कई बार गठबंधन बदलने के बावजूद सत्ता में बने रहे और हर बदलाव के बाद मु्ख्यमंत्री के रूप में फिर से स्वीकार किए गए। यही कारण है कि उनका नाम अब भारत की राजनीति में एक अनोखे राजनीतिक रिकॉर्ड के साथ दर्ज हो गया है—देश के पहले और इकलौते मुख्यमंत्री, जिन्होंने दस बार शपथ ली और सबसे अधिक समय तक एक राज्य का नेतृत्व किया।