EPFO CBT Meeting: EPFO के नियमों में होने जा रहा बड़ा बदलाव, इतनी बढ़ सकती है मिनिमम पेंशन

EPFO CBT Meeting: ईपीएफओ की सीबीटी बैठक 10-11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होगी, जिसमें न्यूनतम पेंशन को 1,000 से बढ़ाकर 2,500 करने के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। साथ ही, EPFO 3.0 के तहत डिजिटल सुधारों और नई सेवाओं पर भी निर्णय लिए जा सकते हैं।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 07 Oct 2025 03:43:26 PM IST

EPFO CBT Meeting

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EPFO CBT Meeting: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड की अहम बैठक 10 और 11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होने जा रही है। इस बैठक में न्यूनतम पेंशन राशि को 1,000 से बढ़ाकर 2,500 प्रति माह करने के प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावना है।


फिलहाल ईपीएस-95 (कर्मचारी पेंशन योजना) के तहत 1,000 की न्यूनतम पेंशन दी जाती है, जो 2014 से अब तक अपरिवर्तित है। कई कर्मचारी संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने लंबे समय से इसे वर्तमान महंगाई के लिहाज से अपर्याप्त बताते हुए 7,500 प्रति माह तक बढ़ाने की मांग की है। 


हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीटी इतनी बड़ी बढ़ोतरी की बजाय 2,500 की सीमा तक पेंशन बढ़ाने पर विचार कर सकता है। बैठक का दूसरा बड़ा एजेंडा EPFO 3.0 परियोजना है, जिसके तहत संगठन को पूरी तरह डिजिटल और कागज-रहित बनाने की योजना है। 


इस परियोजना में एटीएम और UPI के ज़रिए त्वरित पीएफ निकासी, रीयल-टाइम क्लेम सेटलमेंट और सुधार प्रक्रिया, ऑनलाइन डेथ क्लेम का सरल निपटारा और ऑटोमैटिक डेटा इंटीग्रेशन जैसी कई सुविधाएं शामिल होंगी। इस तकनीकी परिवर्तन के लिए इन्फोसिस, विप्रो और टीसीएस जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि सिस्टम टेस्टिंग और इंटीग्रेशन में देरी के कारण परियोजना की शुरुआत अब अगले साल संभावित है।


इसके अतिरिक्त, बैठक में निवेश नीति, पेंशन फंड संरचना, और डिजिटल गवर्नेंस सुधारों पर भी विचार किया जा सकता है। यद्यपि पेंशन वृद्धि जैसे निर्णयों के लिए सरकार की अंतिम मंज़ूरी आवश्यक होगी, लेकिन इस बैठक के संभावित फैसले लाखों पेंशनभोगियों और कर्मचारियों के भविष्य को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।


कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 1,000 की पेंशन मौजूदा परिस्थितियों में व्यावहारिक नहीं है और सरकार को इसे महंगाई के अनुरूप जल्द बढ़ाना चाहिए। ऐसे में अब सभी की निगाहें 10-11 अक्टूबर को होने वाली इस बैठक पर टिकी हैं, जिससे बड़ी राहत की उम्मीद की जा रही है।