Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 04 Aug 2025 01:25:56 PM IST
- फ़ोटो google
Shibu Soren: झारखंड की आत्मा और आदिवासी समाज की आवाज माने जाने वाले दिशोम गुरु शिबू सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 19 जून से अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनकी हालत में सुधार लाने की लगातार कोशिशें हो रही थीं, लेकिन अंततः वे ज़िंदगी की जंग हार गए।
आदिवासी अधिकारों के योद्धा
शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन झारखंड और आदिवासियों के हक की लड़ाई में समर्पित किया। उन्हें "दिशोम गुरु", यानी देश का गुरु, की उपाधि उनके संघर्ष और नेतृत्व के लिए दी गई। इस उपाधि की जड़ें संथाली भाषा में हैं "दिशोम" का अर्थ देश या समुदाय और "गुरु" का अर्थ मार्गदर्शक। उन्होंने आदिवासी समाज को संगठित किया, उन्हें उनके हक के लिए खड़ा होना सिखाया और झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। यही पार्टी आज उनके पुत्र हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में शासन कर रही है।
13 साल की उम्र में संघर्ष की शुरुआत
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था। जब वे 13 साल के थे, तब 1957 में उनके पिता की महाजनों द्वारा हत्या कर दी गई। यह घटना उनके जीवन का मोड़ बनी और उन्होंने महाजनी प्रथा के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया।
"जमीनों धान काटो" आंदोलन
1970 के दशक में महाजनों के बढ़ते अत्याचार के खिलाफ शिबू सोरेन ने “जमीनों धान काटो आंदोलन” चलाया। इस अभियान में आदिवासी महिलाएं धान काटती थीं और पुरुष तीर-धनुष लेकर उनकी सुरक्षा करते थे। इसी जनांदोलन ने उन्हें एक जननेता के रूप में स्थापित किया।
झारखंड राज्य का सपना
1972 में शिबू सोरेन ने राजनीति में कदम रखा और 1973 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। 1980 में वे पहली बार दुमका से लोकसभा सांसद बने। वे 8 बार लोकसभा सांसद और तीन बार केंद्रीय कोयला मंत्री रहे। झारखंड को अलग राज्य बनाने की उनकी लड़ाई 15 नवंबर 2000 को सफल हुई।
शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। पहली बार 2005 में 10 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार 2008 में वे झारखंड के सीएम बने और तीसरी बार 2009 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने। उनका जीवन आदिवासी समाज के लिए एक मार्गदर्शन था, जो अब भी प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।