1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 17 Oct 2025 07:41:19 PM IST
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PATNA: (Bihar Assembly Election 2025) बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक 49 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. हालत ये है कि एयरपोर्ट पर ही प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था. अब पार्टी के सीनियर नेताओं ने भी टिकट बंटवारे पर गंभीर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है.
तारिक अनवर ने जताई नाराजगी
कांग्रेस के सांसद औऱ सीनियर नेता तारिक अनवर ने बिहार में कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर बेहद गंभीर सवाल उठाये हैं. तारिक अनवर ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी नेता गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही बरबीघा सीट से उम्मीदवार थे. वे सिर्फ 113 वोट से चुनाव हार गये थे. तारिक अनवर ने कहा कि 2020 का चुनाव मुन्ना शाही हारे नहीं बल्कि उन्हें प्रशासन और सरकार ने हरवाया था. ये जगजाहिर है. लेकिन इस चुनाव में मुन्ना शाही का टिकट ही काट दिया गया. ये हैरान करने वाली बात है.
बुरी तरह हारे हुए नेताओं को क्यों मिला टिकट
तारिक अनवर ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के कुछ उम्मीदवार 28 हजार वोट, 30 हजार वोट, 32 हजार वोट से चुनाव हार गये थे. उन्हें फिर से 2025 के चुनाव में कांग्रेस का टिकट मिल गया है. ये हैरान करने वाली बात है कि जो बड़े अंतर से चुनाव हारे उन्हें फिर से टिकट मिल गया है. वहीं, गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही को पार्टी का टिकट नहीं मिला.
कृष्णा अल्लावरू के कारण पार्टी में नाराजगी
कांग्रेस के टिकट बंटवारे में गड़बड़ी को लेकर भारी बवाल हो चुका है. दो दिन पहले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ही पटना एयरपोर्ट पर कृष्णा अल्लावरू की गाड़ी पर हमला कर दिया था. अल्लावरू तो जैसे-तैसे जान बचाकर निकल गये लेकिन गुस्साये कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए अल्लावरू समर्थकों की जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में जमकर गालीगलौज का वीडियो भी सामने आया था.
कांग्रेसी नेताओं का एक वर्ग अब ये कहने लगा है कि बिहार में पार्टी के सुपर बॉस बना दिये गये कृष्णा अल्लावरू के कारण पार्टी को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है. दशकों से कांग्रेस के भरोसेमंद सहयोगी आरजेडी से भी पार्टी का रिश्ता खराब हुआ. इसके पीछे भी कृष्णा अल्लावरू ही जिम्मेवार हैं.
बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के पास कुछ सालों का राजनीतिक अनुभव है. उससे पहले वे कॉरपोरेट कंपनियों में काम करते थे. लेकिन उन्हें बिहार जैसे अहम राज्य का प्रभारी बना दिया गया है. कांग्रेस का नेतृत्व सिर्फ अल्लावरू की ही बातें सुन रहा है. इसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.