ब्रेकिंग न्यूज़

अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त Bihar News: 351 फीट का अनोखा कांवर लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे शिवभक्त, बाबा गरीबनाथ धाम में करेंगे जलाभिषेक दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल कंकड़बाग में युवक पर चाकू से हमला, आपसी रंजिश का मामला; तीन आरोपी गिरफ्तार समाजसेवी अजय सिंह ने बाढ़ प्रभावित जवैनिया गांव का किया दौरा, राहत सामग्री का किया वितरण

Bihar Politics: ‘अपराध पर बयान देकर सुर्खियां बटोरना बना फैशन’ चिराग और तेजस्वी पर संतोष सुमन का डबल अटैक

Bihar Politics: डॉ. संतोष सुमन ने चिराग पासवान और तेजस्वी यादव पर डबल अटैक करते हुए कहा कि अपराध पर बयान देकर सुर्खियां बटोरना फैशन बन गया है। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपराधियों को बाहर करने और जिम्मेदार बयानबाजी करने का आग्रह किया।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 27 Jul 2025 01:27:23 PM IST

Bihar Politics

- फ़ोटो google

Bihar Politics: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने कहा है कि आजकल अपराध पर बयान देकर मीडिया की सुर्खियां बटोरने का फैशन हो गया है। अपराधियों को ताम झाम व गाजे बाजे के साथ पार्टी में शामिल कराने तथा अपराधियों के लिए मंच से 'जिंदाबाद' और 'अमर रहे' के नारे लगवाने के दौरान नैतिकता कहां चली जाती है?


संतोष सुमन ने कहा कि बिहार कब का संगठित व सत्ता संरक्षित अपराध की दुनियां से बाहर निकल गया है। संगठित अपराध के मामले में बिहार देश में 19वें स्थान पर है। महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध में राष्ट्रीय औसत से बिहार आधे पर है। अपराधियों को छुड़ाने व बचाने के लिए थानों में फोन करने की बातें गुजरे दिनों की हो गई हैं। हर आपराधिक घटना के खिलाफ त्वरित व कारगर कार्रवाई करने की पुलिस को खुली छूट मिली हुई है। 


उन्होंने नसीहत देते हुए कहा है कि राजनैतिक दलों के नेताओं को बयानवीर बनने से पहले इन आंकड़ों व पुलिस की कार्रवाई को देखना चाहिए। अनर्गल बयानबाज़ी से राजनीति की विश्वसनीयता संकट में पड़ रही है। राजनीति की मूल पूंजी भरोसा है, वह अगर एक बार ख़त्म हो गई तो फिर कभी ऐसे दलों व नेताओं पर जनता विश्वास नहीं करेगी। गलत बातों व तथ्यों से जनता को एक बार भ्रमित किया जा सकता है, बार-बार नहीं, क्योंकि उसकी पारखी नजर सबकी खबर रखती है। जनता को बेवकूफ समझने की भूल ऐसे नेताओं को भारी पड़ेगी।


संतोष सुमन ने कहा कि कथनी और करनी के फर्क की वजह से भी राजनीति व राजनेताओं की विश्वसनीयता घटती जा रही है। क्या राजनैतिक दलों में यह हिम्मत है कि वह अपराध की चर्चा करने व सरकार को कोसने से पहले अपने दलों के अराजक व आपराधिक तत्वों को चिन्हित कर उन्हें अपने दल से निकाल बाहर करें? अपराधियों को पनाह देकर, अपराधियों से घिरे रह कर क्या थोथे बयान देकर मीडिया का कवरेज पा लेने मात्र से अपराध पर नियंत्रण सम्भव है? क्या अपराध पर प्रवचन देने वाले अपराधी चरित्र के लोगों को टिकट देने से परहेज करेंगे? अगर नहीं, तो फिर किस मुंह से बोलेंगे व जनता के बीच जाएंगे?