महागठबंधन में नहीं सुलझ पाया है सीट बंटवारे का फॉर्मूला, कांग्रेस ने जारी की कैंडिडेट के नाम की पहली लिस्ट, इतने नेता शामिल AIMIM में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल, प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप BIHAR ELECTION 2025: बेतिया में कांग्रेस के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय का विरोध, टिकट बंटवारे में अनदेखी का आरोप BIHAR ELECTION 2025: बड़हरा से RJD ने रामबाबू सिंह पर जताया भरोसा, सिंबल मिलते ही क्षेत्र में जश्न Patna Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच पटना से JDU नेता अरेस्ट, इस मामले में हुई गिरफ्तारी Patna Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच पटना से JDU नेता अरेस्ट, इस मामले में हुई गिरफ्तारी Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामांकन, बिहार चुनाव में दिखाएंगे ताकत Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामांकन, बिहार चुनाव में दिखाएंगे ताकत Bihar Election 2025: बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, RLJP चीफ पशुपति पारस का बड़ा एलान Bihar Election 2025: बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, RLJP चीफ पशुपति पारस का बड़ा एलान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Sep 2025 10:33:35 AM IST
बिहार की राजनीतिक में हलचल - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में अब कुछ दिनों का ही समय बचा हुआ है। चुनाव आयोग के आला अधिकारी भी अगले महीने एक पहले सप्ताह में बिहार आने वाले हैं। ऐसे में सूबे की जितनी भी राजनीतिक पार्टी है वह अपने गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे का फाइनल फार्मूला तय करने में लगी हुई है। इसी कड़ी में अब भाजपा के सीनियर लीडर अमित शाह ने यह क्लियर कर दिया है कि एनडीए के अंदर सीट का बंटवारा कब होगा।
दरअसल, बिहार दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बेतिया में भाजपा कार्यकर्त्ता को टास्क देते हुए कहा कि आप लोग अभी से अगले 50 दिन के लिए सबकुछ भूल कर संगठन के काम में लग जाए। इसी कड़ी में उन्होंने यह भी बताया है कि सीट बंटवारा का फार्मूला लगभग तय कर लिया गया है। अब फिलहाल दशहरा का समय है लिहाजा फिलहाल सीट बंटवारा का ऐलान करना उचित नहीं होगा लेकिन इसके बाद इस फार्मूला को जनता के बीच आधिकारिक तौर पर रख दिया जाएगा।
इसके साथ ही शाह ने यह भी टास्क दिया है कि आप बूथ पर जाकर वहां के लोगों से फीडबैक हासिल करें और अगले महीने के तीन तारीख से पहले जिला संगठन मंत्री के पास सभी जानकारी उपलब्ध करवाए इतना ही नहीं अपने इलाके के विधायक का फीडबैक भी उपलब्ध करवाए। इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य तरह के भी टास्क दिए हैं।
वहीं, शाह के इस एलान ने एनडीए के अंदर भी हलचल तेज कर दी है इसकी वजह यह है कि आखिर कुछ जदयू के नेता सोच रहे हैं कि इस बार यह सीट उनके खाते में रहेगा या फिर भाजपा के पास चला जाएगा तो भाजपा के भी नेता इसी तरह का ख्याल अपने मन के अंदर ला रहे हैं। हालांकि यह संशय तो उनके अंदर से सीट बंटवारा का आधिकारिक ऐलान होने के बाद ही दूर हो पाएग।
इसके साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा इस बार बिहार में 100 सीटों पर खुद के कैंडिडेट उतार सकती है। हालांकि बैठक में उनके पास जो लिस्ट आई है उसमें 125 सीटों पर नाम लिए गए हैं। लेकिन अंदुरनी सूत्र बताते हैं कि 25 सीटों में भाजपा को चिराग और उपेंद्र कुशवाहा को भी सेट करना है लिहाजा भाजपा खुद 100 या 101 सीटों पर चुनावी मैदान में होगी। ऐसे में अमित शाह के एलान के बाद इस राज पर से भी पर्दा हट जाएगा।
इधर, हम बात करें महागठबंधन की तो इनके अंदर एक अलग रार छिड़ी हुई है। जिसमें सबसे पहला तो यह है कि कांग्रेस बिना सीएम फेस ऐलान किए हुए मैदान में उतरना चाहती है, जबकि राजद का कहना है कि तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगाकर मैदान में उतरा जाए। इसके अलावा कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव का स्ट्राइक रेट को ध्यान में रखते हुए सीट बंटा जाए और इतना ही नहीं कुछ वाम दल का सीटिंग सीट भी उसे दिया जाए। जबकि वाम दल का कहना है कि महागठबंधन में उनका स्ट्राइक रेट सबसे अधिक रहा है लिहाजा उनके साथ कोई उलटफेर नहीं किया जाए। इसके अलावा सहनी की पार्टी भी इस बार साथ है और वह खुद को उपमुख्यमंत्री का दावेदार बता रहे हैं। इतना ही नहीं झारखंड के सीएम की पार्टी भी बिहार में अपना भाग्य अजमाना चाहती है और भाजपा से अलग हुए पारस भी अपनी किस्मत इस नए गठबंधन के साथ अजमाना चाहते हैं।
बहरहाल, अब देखना यह है कि इस चुनाव को लेकर जब सीट का बंटवारा होता है तो कौन सी पार्टी दिल से खुश होती है और किन्हें समझौता करके मैदान में आना होता है। इसके बाद जनता उनके ऊपर कितना भरोसा दिखा पाती है। लेकिन, इतना तो तय है कि छठ पूजा के बाद बिहार विधानसभा के अंदर कुछ नए लोग नजर आ सकते हैं। जिन्हें बिहार की जनता अपनी आवाज बनाकर भेजेगी और वह कितना उसपर खड़ा उतरते हैं। यह काफी महत्वपूर्ण होगा।