पूर्व IPS अधिकारी पर भड़के तेज प्रताप, पटना के सचिवालय थाने में दर्ज कराया FIR बिहार में VVIP गाड़ियों पर TOLL TAX खत्म, परिवहन विभाग ने जारी किया यह निर्देश विधानसभा सत्र के बीच यूरोप चले गए तेजस्वी यादव? शिवानंद तिवारी के आरोप से बिहार की सियासत गरमाई, कहा...मैदान छोड़ दिया मंदिरों की तरह मदरसों और मस्जिदों में भी लगाए जाएं CCTV कैमरे, संसद में बोले रामायण के ‘राम’ जमुई में बालू का अवैध खनन जारी, प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल CHAPRA: ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से छपरा के लाल की मौत, गुजरात पुलिस में थे तैनात कमरिया गोले-गोले-गोले-डोले राजा जी: शराब की बोतल और डांसर का जलवा, नगर निगम के डिप्टी मेयर का वीडियो वायरल एयरपोर्ट निर्माण पर ग्रहण: केंद्र सरकार ने बिहार के इस जिले में हवाई अड्डा बनाने से किया इनकार, सामने आई यह बड़ी वजह एयरपोर्ट निर्माण पर ग्रहण: केंद्र सरकार ने बिहार के इस जिले में हवाई अड्डा बनाने से किया इनकार, सामने आई यह बड़ी वजह Bihar Bhumi: बिहार में जमीन की ई-मापी की निगरानी होगी सख्त, समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अमीनों के कार्य की मांगी रिपोर्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Sep 2025 09:15:37 AM IST
बिहार की राजनीतिक में हलचल - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है और बिहार की सियासत से लेकर केंद्र तक हलचल तेज है। ऐसे मेंआगामी चुनाव को लेकर केंद्र यानि दिल्ली में सियासत का शोर गूंजने वाला है। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने 3 सितंबर को दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है। कयास लगाया जा रहा है कि इस बैठक को सीट शेयरिंग पर “फाइनल डील” के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय इसमें शामिल होंगे। संकेत साफ हैं कि अब चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
बैठक से ठीक पहले पीएम मोदी बिहार को लेकर एक्टिव हो गए हैं। 2 सितंबर को वह वर्चुअली बिहार को करोड़ों की योजनाओं का तोहफा देंगे और 13 सितंबर को पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करने खुद बिहार आएंगे। साफ है कि बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति को दिल्ली से लेकर पटना तक धार देने में जुटी जोरों से जुट चुकी है.इधर एनडीए खेमे में कार्यकर्ता सम्मेलन जोर-शोर से चल रहे हैं। नीतीश सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाया जा रहा है और साथ ही विपक्ष पर हमला बोलते हुए लालू यादव के “जंगलराज” की याद दिलाई जा रही है।
ऐसे में एनडीए का फोकस प्रत्यक्ष है कि विकास बनाम अराजकता की लड़ाई। 2020 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो एनडीए ने 125 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। बीजेपी 74 सीटों पर विजयी रही थी जबकि जेडीयू को 43 पर ही संतोष करना पड़ा। मांझी की ‘हम’ ने 7 में से 4 सीटें और मुकेश सहनी की वीआईपी ने 11 में से 4 सीटें जीती थीं। इस बार सियासत के समीकरण को बदला हुआ है क्योंकि मुकेश सहनी अब महागठबंधन के साथ हैं, जबकि चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा एनडीए खेमे में लौट आए हैं।
एनडीए और महागठबंधन के बीच 2020 में वोट का अंतर महज 2 फीसदी रहा था। यही वजह है कि इस बार सीट बंटवारे का हर फैसला बेहद संवेदनशील है। बीजेपी चाहेगी कि अपने “बिग ब्रदर” वाले रोल में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े, जबकि जेडीयू अपनी परंपरागत सीटों से समझौता करने को तैयार नहीं दिख रही। यही वह गांठ है, जिसे सुलझाने के लिए शाह की बैठक को निर्णायक माना जा रहा है।
कुल मिलाकर, सितंबर की शुरुआत से ही बिहार की सियासत गरमा गई है। एक तरफ राहुल गांधी की “वोटर अधिकार यात्रा” ने महागठबंधन को ऊर्जा दी है, वहीं दूसरी ओर अमित शाह और पीएम मोदी की एंट्री ने एनडीए खेमे को जोश से भर दिया है। अब पूरा बिहार टकटकी लगाए देख रहा है कि सीट बंटवारे की बाजी किसके पाले में जाती है।