ब्रेकिंग न्यूज़

Navratri 2025: कल से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Bihar Politics : RJD की सभा में पीएम मोदी और उनकी मां पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में चिराग पासवान का बड़ा हमला,कहा - यही है “माई-बहिन योजना” की पहचान Bihar Sarkari Naukri 2025: बिहार चुनाव से पहले युवाओं को तोहफा, स्टेनोग्राफर के पदों निकली वैकेंसी; इस दिन से कर सकते हैं आवेदन BIHAR NEWS : पटना के मरीन ड्राइव घाट पर डूबे दो युवक, कलश पूजा के लिए लाने गए थे गंगाजल Bihar News: जो लेना है ले जाइए, मेरे पति को छोड़ दीजिए.... डकैतों ने गांव में की बड़ी लूट, महिलाओं से मारपीट कर छीनें जेवर Dadasaheb Phalke Award 2023: मोहनलाल बने दूसरे मलयालम कलाकार जिन्हें मिला दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, पीएम मोदी ने दी बधाई Bihar Crime News: बिहार में मोबाइल टावर से कूदकर युवक ने की खुदकुशी, शादीशुदा लड़की के चक्कर में गई जान; वीडियो वायरल BIHAR NEWS : भारत -पाकिस्तान मैच से पहले डिप्टी सीएम का एक्स अकाउंट हैक, पोस्ट की गई पाकिस्तान और तुर्किए के झंडे की तस्वीरें Bihar News: बिहार चुनाव से दूर होती जा रही महिला ! इस इलाके में कोई भी पार्टी ने नहीं दिया है आजतक ध्यान; क्या इस बार बदलेगा समीकरण Bihar Politics : प्रधानमंत्री की मां पर अपमान मामले पर सम्राट चौधरी ने दी तेजस्वी को चेतावनी, कहा – माफी मांगे राजद-कांग्रेस

Bihar News: बिहार चुनाव से दूर होती जा रही महिला ! इस इलाके में कोई भी पार्टी ने नहीं दिया है आजतक ध्यान; क्या इस बार बदलेगा समीकरण

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है, लेकिन महिला नेतृत्व अब भी सवालों के घेरे में है। राज्य की 45 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां आज़ादी के बाद से आज तक कोई महिला विधायक नहीं बनी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 Sep 2025 11:56:02 AM IST

Bihar News

बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चूका है और अब बस इंतजार है तारिख घोषित होने की। सभी पार्टियां अपनी भागीदारी बनाने के लिए जोरदार कोशिश में लगी हुई है। लेकिन इस चुनावी भागीदारी में महिलाओं की कितनी भूमिका है यह अभी तक सवाल के घेरे है, क्योंकि राज्य में 45 ऐसे विधानसभा सीटें है, जहां आजादी के बाद से अब तक एक भी महिला जहां आज़ादी के बाद से अब तक एक भी महिला विधायक नहीं चुनी गई है। यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब इन क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से लगातार अधिक रहा है।


इन 45 सीटों में मुजफ्फरपुर की आठ, पूर्वी चंपारण की छह, पश्चिम चंपारण की चार, शिवहर की एक, सीतामढ़ी की तीन, समस्तीपुर की आठ, दरभंगा की आठ और मधुबनी की सात सीटें शामिल हैं। इन इलाकों में महिलाएं वर्षों से चुनाव लड़ती रही हैं, संघर्ष करती रही हैं, लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख सकीं। राष्ट्रीय दलों द्वारा महिलाओं को टिकट देने में बरती गई अनदेखी इसका प्रमुख कारण रही है। जब दलों ने भरोसा नहीं जताया तो महिलाओं को निर्दलीय लड़ाई लड़नी पड़ी, जिसमें सफलता मुश्किल रही।


पश्चिम चंपारण जिले में वर्ष 2008 तक मौजूद धनहा विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन के बाद 2010 में वाल्मीकिनगर के रूप में नया अस्तित्व बना। जिले की नौ सीटों में से केवल पांच पर ही अब तक महिलाएं प्रतिनिधित्व कर सकी हैं। लौरिया, सिकटा और बगहा जैसे क्षेत्रों में अब तक केवल पुरुष उम्मीदवार ही विजयी होते रहे हैं। यह बताता है कि जिले की राजनीतिक संरचना अब भी महिला नेतृत्व के प्रति अनुकूल नहीं है।


दरभंगा जिले में अब तक सिर्फ दो महिला विधायक चुनी गई हैं – 1961 में कांग्रेस की श्यामा देवी और 2020 में गौड़ाबौराम से वीआईपी की टिकट पर जीतने वाली स्वर्णा सिंह, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गईं। जिले के बाकी क्षेत्रों दरभंगा नगर, बहादुरपुर, जाले, हायाघाट, अलीनगर, कुशेश्वरस्थान आदि – में महिलाओं को कभी प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिला।


मुजफ्फरपुर की 11 सीटों में से आठ पर आज तक कोई महिला विधायक नहीं बनी। इन्हें शामिल किया जाए तो ये क्षेत्र हैं, जिसमें मुजफ्फरपुर, औराई, मीनापुर, बरूराज, कांटी, साहेबगंज, कुढ़नी और सकरा। इसी प्रकार, मधुबनी जिले की सात विधानसभा सीटें, मधुबनी, हरलाखी, बिस्फी, खजौली, झंझारपुर, लौकहा और राजनगर आज भी महिला नेतृत्व से वंचित हैं।


पूर्वी चंपारण की 12 सीटों में से छह सीट रक्सौल, सुगौली, हरसिद्धि, पीपरा, मोतिहारी और मधुबन में अब तक कोई महिला विधायक नहीं बनी है। सीतामढ़ी जिले की तीन प्रमुख सीटें सीतामढ़ी, रीगा और सुरसंड पर भी आज तक महिला उम्मीदवार सफल नहीं हो सकी हैं।


राजनीतिक प्रतिनिधित्व में पिछड़ने के बावजूद, महिलाएं मतदान के अधिकार का भरपूर उपयोग कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर पश्चिम चंपारण में 2015 में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 59.48% था, जबकि महिलाओं का 67.99%। 2020 में यह क्रमशः 59.26% और 64.81% रहा। वहीं, बता दें कि शिवहर जिले में 2015 में 61.4% महिलाओं ने वोट डाले, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत केवल 48.7% रहा। 2020 में महिलाओं ने 51.8% और पुरुषों ने 48.2% मतदान किया।


इधर, मुजफ्फरपुर में 2015 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 66.7% और पुरुषों का 56.1% था। 2020 में यह क्रमशः 62.5% और 55.2% रहा। साथ ही मधुबनी जिले में भी पिछले दो विधानसभा चुनावों में महिलाओं का मतदान पुरुषों की तुलना में औसतन 2 से 5 प्रतिशत अधिक रहा है।


यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि महिलाओं की भागीदारी अब सिर्फ 'वोट डालने' तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि उन्हें नीति निर्धारण और निर्णय लेने की भूमिका में भी सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों को टिकट वितरण में लैंगिक समानता पर गंभीरता से विचार करना होगा, ताकि लोकतंत्र की आधी आबादी को उसका पूरा प्रतिनिधित्व मिल सके।