'वो ज्ञानवापी, साक्षात विश्वनाथ जी हैं...,' इसे मस्जिद कहना दुर्भाग्‍य; CM योगी का बड़ा बयान

'वो ज्ञानवापी, साक्षात विश्वनाथ जी हैं...,' इसे मस्जिद कहना दुर्भाग्‍य; CM योगी का बड़ा बयान

DESK : मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ज्ञानवापी विवाद को लेकर एक बार फिर अपनी बात रखी। गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में नाथ पंथ पर आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी में उन्‍होंने कहा कि दुर्भाग्‍य से उस ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्‍दों में मस्जिद कहते हैं लेकिन वास्‍तव में ज्ञानवापी साक्षात विश्‍वनाथ जी हैं। यही विश्‍वनाथ धाम है। 


सीएम योगी ने कहा कि भारत के लिए अस्‍पृश्‍यता एक अभिशाप है। यह न केवल साधना के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा है बल्कि राष्‍ट्र की एकता और अखंडता के लिए भी सबसे बड़ी बाधा है। इस बात को यदि देश के लोगों ने समझा होता तो देश गुलाम नहीं होता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान गुरुवार को ज्ञानवापी पर वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद आया है। 


वहीं, वाराणसी की एक अदालत ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने की मरम्मत करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था। वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट परिसर के स्थानीय संरक्षक हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत ने गुरुवार को तहखाने में चल रही पूजा गतिविधियों को बरकरार रखा और मुस्लिम पक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित चुनौती को ध्यान में रखा। 


यादव ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद 31 जनवरी को व्यास जी के तहखाने में पूजा फिर से शुरू हो गई, जिससे भक्तों को स्थापित मूर्तियों के दर्शन करने की अनुमति मिल गई। हालांकि, हिंदू पक्ष ने इसकी पुरानी और कमजोर छत के कारण तहखाने की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की और मरम्मत कार्य के लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि मुस्लिम श्रद्धालुओं के छत पर चलने से इमारत गिरने का खतरा हो सकता है, इसलिए उन्होंने मांग की कि छत और खंभों की मरम्मत की जाए।