वाहवाही की तैयारी कर बाढ़ राहत कैंप का निरीक्षण करने गये थे नीतीश लेकिन फिर भी खुल गयी सरकार की पोल, जानिये कैसे

वाहवाही की तैयारी कर बाढ़ राहत कैंप का निरीक्षण करने गये थे नीतीश लेकिन फिर भी खुल गयी सरकार की पोल, जानिये कैसे

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को फिर से बाढ़ पीडितों के लिए चलाये जा रहे सरकारी राहत कैंपों का निरीक्षण करने निकले थे। प्रशासन को पहले से खबर थी लिहाजा सारी व्यवस्था कर ली गयी थी कि बड़े साहब को सिर्फ वाहवाही ही सुनने को मिले। लेकिन फिर भी भागलपुर के नवगछिया में फूट-फूट कर रोती महिलाओं ने सरकारी दावों की पोल खोल दी।

महिलाओं ने बताया कि राहत का क्या है इंतजाम

दरअसल नीतीश कुमार हैलीकॉप्टर से मंगलवार को भागलपुर जिले के नवगछिया पहुंच गये. वहां सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर लगा रखा है. नीतीश कुमार के राहत शिविर में पहुंचने की सूचना एक दिन पहले से ही प्रशासनिक अमले को थी. लिहाजा साफ सफाई से लेकर भोजन-पानी की व्यवस्था कर ली गयी थी. राहत शिविर में मौजूद लोगों को ये भी समझा दिया गया था कि साहब जब आयें तो क्या बोलना है. लेकिन फिर भी पोल खुली. 


नवगछिया के सरकारी राहत कैंप में मौजूद महिला चंदनिया देवी फूट फूट कर रोने लगी. पास के ही छोटी परबत्ता गांव की चंदनिया देवी के गांव में बाढ़ ने कहर बरपाया है. उसने नीतीश कुमार के सामने ही प्रशासन की सारी पोल खोल दी. महिला चंदनिया देवी ने बचाया कि उसका पूरा परिवार छोटी परबत्ता के महाराजा मंडल टोले में फंसा है. उन्हें कोई बाहर निकाल कर लाने वाला नहीं है.


प्रशासन ने झूठ बोलकर राहत कैंप में बुलाया

महिला चंदनिया देवी ने कहा कि आज सुबह उसे आठ बजे के करीब ये कह कर बुलाया गया कि राहत कैंप में चलो वहां खाना और कपड़ा मिलेगा. लेकिन कैंप में आये पांच घंटे से ज्यादा होने के बावजूद अन्न का एक दाना भी नसीब नहीं हुआ है. कपडे की बात कौन करे जब खाना ही नहीं मिला. चंदनिया देवी ने बताया कि वह अपने बच्चों को घर पर छोड़ कर आय़ी है. घर में अनाज का एक दाना नहीं है. उम्मीद थी कि राहत कैंप में खाना मिल जायेगा लेकिन कुछ नहीं मिला. नवगछिया के सरकारी राहत कैंप में सुमिता देवी, मंत्रिका देवी, विद्या देवी जैसी महिलाओं ने भी ऐसी ही कहानी सुनायी. 


नीतीश ने मदद पहुंचाने को कहा

अपने सामने ही सरकारी राहत की पोल खुलने के बाद नीतीश कुमार ने अपने अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों की मदद करने को कहा. पीड़ितों में उम्मीद जगी है कि शायद नीतीश कुमार के निर्देश के बाद उन्हें कुछ राहत सामग्री मिल जाये. 


कई कैंपों में गये नीतीश

नीतीश कुमार मंगलवार को नवगछिया के साथ साथ दूसरे जिले के राहत शिविरों का भी निरीक्षण करने पहुंचे. खगड़िया के परबत्ता में उन्होंने कोरचक्का स्लुइस गेट के साथ साथ भरतखंड स्कूल में सरकारी राहत शिविर का निरीक्षण किया. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने पहले से ही ये कह रखा है कि सरकारी खजाने पर पहला हक आपदा पीडितों का है. नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग 2007 से ही बाढ़ पीडितों को राहत देने में बेहतर काम कर रहा है. 


नीतीश खुद कर रहे हैं निगरानी

नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ को लेकर वे खुद हर रोज जानकारी ले रहे हैं. सूबे में बाढ़ की हालत के साथ साथ वे इसकी खबर भी ले रहे हैं कि बाढ पीड़ितों को सही तरीके से राहत सामग्री दी जा रही है या नहीं. नीतीश कुमार ने राहत कैंप में मौजूद लोगों से बात भी की.