DESK : देश में तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर एक बार फिर से कवायद तेज हो गई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है। मंगलवार की शाम होने वाली इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी और आम आदमी पार्टी के साथ-साथ अन्य दलों के नेताओं को भी न्योता भेजा गया है। शरद पवार में विपक्षी नेताओं की यह बैठक बुलाने का फैसला प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद किया है। प्रशांत किशोर में सोमवार को दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी और इसके पहले वह मुंबई जाकर भी एनसीपी प्रमुख से मिल चुके थे।
दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक राष्ट्र मंच के बैनर तले होने की उम्मीद है हालांकि इस बैठक में कांग्रेस के शामिल होने की उम्मीद नहीं है। राष्ट्र मंच का गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने साल 2018 में किया थाम इस मंच का मकसद केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्षी एकजुटता को बुलंद करना था। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान सिन्हा ने ममता बनर्जी का हाथ थाम लिया था। अब उन्हीं के मंच के जरिए विपक्षी एकता की कोशिश तेज हो रही हैं। शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर होने वाली इस बैठक में कौन-कौन नेता शामिल होते हैं इसका सबको इंतजार है।
विपक्ष की एकजुटता को लेकर शरद पवार ने जो शुरुआत की है उसके पीछे प्रशांत किशोर से 11 जून को उनकी मुंबई में हुई मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रशांत किशोर ने शरद पवार को संभवत कोई ऐसा फार्मूला दिया है जिसके जरिए बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकजुटता को आकार दिया जा सकता है। हालांकि प्रशांत किशोर पहले ही।कह चुके हैं कि कोई तीसरा या चौथा फ्रंट बीजेपी को अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हरा पाएगा इसकी उम्मीद कम दिखती है। पीके ने यह भी कहा है कि तीसरा मोर्चा मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में फिट नहीं बैठता। ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि सभी विपक्षी दल एक साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़े।