लोकसभा चुनाव पर VIP की नजर, सहनी बोले- यूपी, बिहार और झारखंड की सभी सीटों पर कर रहे तैयारी

लोकसभा चुनाव पर VIP की नजर, सहनी बोले- यूपी, बिहार और झारखंड की सभी सीटों पर कर रहे तैयारी

MUZAFFARPUR: बिहार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने आज मुजफ्फरपुर में कहा कि उनकी नजर बिहार के अलावा यूपी और झारखंड की सभी लोकसभा सीटों पर है. बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि वीआईपी पूरी मजबूती से चुनाव में उतरेगी. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अभी किस गठबंधन के साथ जाएंगे यह अभी तय नहीं है. 


श्री सहनी ने तमिलनाडु प्रकरण से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि फर्जी वीडियो अगर बनाई गई है तो कारवाई होनी चाहिए, अभी तो जांच चल रही है.जब तक हम इंसान थे तब तक भेदभाव नहीं था जब हम जाति में बंटे तो भेदभाव हो गया। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि जिस जाति के लोग होते हैं, उस जाति के लोगों की मदद करते हैं. पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर मुकेश सहनी कहा कि निश्चित तौर पर दावेदारी करना चाहिए. सपना देखेंगे तभी तो सपना पूरा होंगा. यह बात तो सही हैं पिछड़े वर्ग को मौका नहीं मिलता है. इस वर्ग में से अगर जीतन राम मांझी CM बन सकते हैं या सर्वगीय मुलायम सिंह बन सकते है तो लालू जी या फिर मायावती जी बन सकती है तो निषाद का बेटा क्यों नहीं बन सकता है. 


यूपी बिहार में हमारे वर्ग में 15 प्रतिशत आबादी है. जागरूक भी हो रहे हैं तो आने वाले समय अगर काम करेंगे तो CM क्यों नहीं बन सकते. जिस समाज से जो भी मुख्यमंत्री बना है उस समाज का भला हुआ है. लालू यादव भी उस जगह पहुंचे तो उस अनुकूल उन्होंने भी जितना अच्छा काम कर सकते थे किए. नीतीश कुमार ने पिछड़ा समाज के लिए जितना हो सकता था काम किया है. इस वर्ग से जब भी इस जगह पर पहुंचेगे तो निश्चित तौर पर समाज के लिए कुछ करेंग. 


उन्होंने यूपी के CM योगी का उदहारण देते हुए कहा कि आज वहां वो मुख्यमंत्री है तो उन्होंने फूलन देवी जी के प्रतिमा पर माला पहनाने नहीं दिया गया. पिछली बार में मलापर्पण करने गया था तो मुझे भी बनारस एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया. अगर वहां पर निषाद समाज का बेटा मुख्यमंत्री होता तो या अन्य किसी पिछड़ा समाज से होता तो ऐसा जुल्म नहीं करते. तो निश्चित तौर पर भेद भाव है. जब हम इंसान थे तो कोई भेद भाव नहीं था. जब हम जाती में बट गए तो भेद भाव हो गया. आज मैं भी निषाद समाज में पैदा हुआ तो उनके लिए लड़ रहा हूं. जिसके लिए मैं काम कर रहा हूं.