1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 24 Aug 2024 08:06:27 AM IST
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PATNA : भारत में यदि आप विधायक या सांसद बन गए तो समझिए आपका बल्ले बल्ले हैं। यह बात अपने अक्सर चौराहे या किसी जगह लोगों को कहते हुए सुना होगा। लेकिन, अब यह बात को प्रमाणित होती हुई भी नजर आ रही है और इस बात का प्रमाण नीति आयोग की रिपोर्ट के जरिए भी मिल रहा है।
दरअसल, आपको जानकारियां हैरानी होगी कि देश में 2018 से 2023 के बीच 6 सालों में सिर्फ सांसद - विधायक के वेतन और भत्ते में ही बढ़ोतरी हुई है। इस बात का खुलासा नीति आयोग के जुलाई में प्रकाशित वर्किंग पेपर से हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सांसद विधायकों को पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के 10 विभिन्न पेशों की पहली श्रेणी में रखा गया है जिसमें विधायक प्रोफेशनलस के अलावा सीनियर ऑफिसर और मैनेजर शामिल है।
नीति आयोग का यह वर्किंग पेपर विकसित भारत के लिए जॉब क्रिएट को आगे लाने और प्रगति के इंजन को मजबूत बनाने पर केंद्रित है। इसमें ईपीएफओ और अन्य आंकड़ों के आधार पर मूल्यांकन अवधि में वेतन और भत्ते में हुई वृद्धि को भी आका गया है। जनप्रतिनिधियों के लाभ आप प्लांट मशीन कर्मी की श्रेणी में भी वेतन थोड़े बढ़े हैं।
वही बात करें तो 2018 से 2023 के बीच सबसे बड़ा आश्चर्य रहा है की औपचारिक रोजगार दुगना होने के बावजूद वेतन की वर्कों की मांग उनकी सप्लाई के मुकाबले घटी है। जब किलिंग में कमजोरी का संकेत दिया है कि हर प्रकार के वर्कर्स में भले हुए सेल्फ एंप्लॉयड हों वेतनभोगी हो या कैजुअल हो सब में क्लर्कों के वेतन में गिरावट दर्ज की गई है।