DESK : कोरोना महामारी के दूसरी लहर के बीच शादियों का भी जबरदस्त सीजन शुरू हो चुका है. हालांकि शादी समारोह के लिए सरकार ने अलग से गाइडलाइन्स जारी कर रखी हैं लेकिन फिर भी लोग नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आ जाते हैं. ऐसे में जब मामला विधायक की ही शादी का हो और उसमे नियमों की धज्जियां उड़े तो आम लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है. राजस्थान के डूंगरपुर जिले से ऐसा ही मामला सामने आया है जहां विधायक की शादी में कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी.
दरअसल, डूंगरपुर जिले में भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत की बारात शहर से सटे कुशाल मगरी गांव में गई थी. सैकड़ों बाराती विधायक की शादी में पंहुचे. शादी विधायक की होने के कारण यहां बारातियों की भारी भीड़ होने के बावजूद कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने वाला प्रशासन नहीं नजर आया. विधायक राजकुमार रोत की बारात पाडली सांसरपुर गांव से दो गाड़ियों में रवाना हुई, जो डूंगरपुर शहर से सटे कुशालमगरी गांव पंहुची. इंडस्ट्रियलएरिया मोड़ पर बारात उतरी और फिर दूल्हे बने विधायक राजकुमार रोत घोड़ी पर चढ़े.
यहां दो घोड़ियों का इंतजाम किया गया था, जिसमें से एक पर विधायक बैठे तो वहीं दूसरी घोड़ी पीछे चल रही थी. इस दौरान आगे पीछे सैकड़ों लोग बारात में शामिल हुए. विधायक की शादी में आदिवासी परंपरा के अनुसार ढोल मंजीरे बज रहे थे, तो लोगों की भीड़ बाराती बनकर शामिल थी, जिसमें से कई लोगों के मास्क भी लगा हुआ नहीं था. बारात दुल्हन के घर के नजदीक पंहुची तो यहां दुल्हन परिवार के लोगों ने उनका रीति रिवाज के साथ स्वागत किया. इसके बाद फूलों की बारिश से स्वागत करते हुए दूल्हे विधायक सहित बारात को एक घर पर उतारा गया, जहां सामाजिक रस्में पूरी हुईं. शादी के इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोग पहुंचे थे. वहीं, भीड़ को देखते हुए दो बड़े-बड़े पंडाल भी तैयार किये गए थे.
हालांकि इस दौरान विधायक लोगों को समझाते नजर आए. उन्होंने कहा कि उनकी शादी में हजारों लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन उन लोगों तक यह मैसेज पहुंचाया गया कि कोविड के कारण वे शादी में न आएं. परिवार के कई लोग इस शादी में नहीं आ पाए क्योंकि प्रत्येक परिवार में 7 से 8 लोग हैं और उनमें से हर परिवार से केवल 2 लोग ही बारात में आए हैं. विधायक ने शादी करने वाले दूसरे लोगों से भी कोविड गाइडलाइन का पालनकरने की अपील की थी.