PATNA : बिहार में कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने विधायक फंड की राशि में कटौती की थी. सरकार ने मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास की योजना के तहत विधायकों के अनुशंसा पर खर्च की जाने वाली राशि को स्वास्थ्य विभाग में खर्च करने का फैसला किया था. बिहार में कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने विधायक फंड की राशि में कटौती की थी.
सरकार ने मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के तहत विधायकों के अनुशंसा पर खर्च की जाने वाली राशि को स्वास्थ्य विभाग में खर्च करने का फैसला किया था. सरकार के इस फैसले पर विधायकों ने पहले भी सवाल खड़े किए थे. इसी मामले को आज बिहार विधानसभा में कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने उठाया. प्रश्नोत्तर काल में अजीत शर्मा ने सरकार से जानना चाहा कि उनके विधायक फंड से जो राशि काटी गई उसका खर्चे कहां की हुआ.
कांग्रेस विधायक के इस सवाल पर सरकार की तरफ से योजना एवं विकास विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ने जवाब देते हुए कहा कि राशि का खर्च स्वास्थ्य विभाग में किया और स्वास्थ्य विभाग की इसका हिसाब देगा. मंत्री के इस जवाब से अजीत शर्मा संतुष्ट नहीं दिखे. इसके बाद आरजेडी के ललित यादव भी इस सवाल के पूरक पर खड़े हो गए. ललित यादव ने कहा कि अगर सरकार विधायक फंड की राशि काटी है तो एक विभाग दूसरे विभाग के ऊपर फेकाफेकी कर जवाब से भाग नहीं सकता.
ललित यादव के इतना कहते ही मंत्री विजेंद्र यादव भड़क गए. उन्होंने सदन में ललित यादव को खूब खरी-खोटी सुना दी. ललित यादव पर टिप्पणी करते हुए मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि 5 बार विधायक रहे हैं. लेकिन अभी उनके अंदर वह परिपक्वता नहीं आई है. ललित यादव भी विजेंद्र यादव की इस टिप्पणी पर पलटवार कर बैठे. ललित यादव ने कहा कि मंत्री जी अगर बहुत विद्वान हैं तो 1990 में जीतकर सदन पहुंचे थे. मैं भी 1995 में विधायक बन चुका हूं था. काफी देर तक दोनों के बीच तीखी नोकझोंक को होती रही.