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30-Aug-2024 03:14 PM
DESK: बड़ी खबर असर से निकलकर सामने आ रहा है, जहां सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए दो घंटे की ब्रेक पर रोक लगा दिया है। इस फैसले के बाद अब विधानसभा के मुस्लिम कर्मचारियों को जुमे की नमाज के लिए दो घंटे का ब्रेक नहीं मिलेगा।
दरअसल, साल 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने इस प्रथा की शुरुआत की थी। असम विधानसबा के कर्मचारियों को जुमे की नमाज के लिए दो घंटे यानी 12 बजे से दो बजे तक का ब्रेक दिया जाता था। इस दो घंटे के भीतर विधानसभा में पदस्थापित सरकारी कर्मचारी जुमे की नमाज अता करते थे लेकिन सरकार ने इस पुरानी प्रथा को अब खत्म कर दिया है।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा है कि, ‘असम विधानसभा की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के औपनिवेशिक बोझ को हटाने के लिए, प्रति शुक्रवार सदन को जुम्मे के लिए 2 घंटे तक स्थगित करने के नियम को रद्द किया गया। यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने शुरू की थी। भारत के प्राचीन धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रखने के इस प्रयास के लिए असम विधानसभा के माननीय सभापति श्री @BiswajitDaimar5 जी और माननीय सदस्यों को मेरा आभार’।
सरकार के इस फैसले के बाद अब विधानसभा में काम कर रहे मुस्लिम कर्मियों और अधिकारियों को जुमे की नमाज के लिए अगले शुक्रवार से दो घंटे का ब्रेक नहीं मिलेगा। सरकार के इस फैसले को लेकर हड़कंप मच गया है। इस फैसले से आने वाले दिनों में असम के साथ साथ पूरे देश की सियासत गरमाने के आसार हैं।