विधानसभा में भारी हंगामे के बाद शहीद जवान के पिता को मिली बेल, रंगदारी एक्ट में पुलिस ने किया था अरेस्ट

विधानसभा में भारी हंगामे के बाद शहीद जवान के पिता को मिली बेल, रंगदारी एक्ट में पुलिस ने किया था अरेस्ट

HAJIPUR : गलवान घाटी हिंसा में शहीद जवान जय किशोर सिंह के पिता राज कपूर सिंह को जमानत दे दी गयी है। राज कपूर सिंह को हाजीपुर एडीजे - 3 नवीन कुमार ठाकुर की अदालत से जमानत दी गई है। इससे पहले राज कपूर सिंह के परिवार वालों के तरफ से यह आरोप लगाया गया था कि, सिंह को पीटा गया और बाद में सरकारी जमीन पर उनके बेटे के लिए एक स्मारक बनाने के मामले में अरेस्ट किया गया है। जिसके बाद अब आज कोर्ट में पेशी होने के बाद इन्हें जमानत दे दी गई है। 


दरअसल, वैशाली के जन्दाहा के चकफतह गांव के सैनिक जय किशोर सिंह गलवान घाटी में शहीद हो गये थे। उनके परिवार के लोग शहीद की प्रतिमा गांव में लगाना चाहते थे। जिस जमीन पर शहीद की प्रतिमा लगायी जानी थी, उस पर हरीनाथ राम के किसी व्यक्ति ने अपना दावा ठोक दिया और जमीन को अपना बता दिया। हरीनाथ राम ने अंचलाधिकारी को आवेदन देकर उस जमीन को अपनी जमीन बताया। आवेदन सीओ को दिया गया था लेकिन जन्दाहा थाना पुलिस ने सीओ के दिये गये आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर लिया। जमीन के विवाद के इस मामले में पुलिस ने शहीद जय किशोर सिंह के पिता राज कपूर सिंह के खिलाफ रंगदारी, एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया। 


वहीं, जब यह मामला प्रकाश में आया है तो वर्तमान बिहार में संचालित विधानमंडल बजट सत्र के दौरान भी विपक्षी पार्टी भाजपा के तरफ से जोरदार हंगामा मचाया गया। बीजेपी के विधायक सदन के वेल में पहुंच गये और शहीद के पिता के साथ इस तरह की बर्बरता करने वाले थानेदार पर कार्रवाई की मांग करने लगे। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने शहीद के पिता के साथ हुए मामले को उठाते हुए पुलिस पर कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही खुद केंद्रीय रक्षा मंत्री ने इस मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की और इसको लेकर नराजगी जाहिर की। 


इधर, इस मामले में लगातार हो रहे विरोध के बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच cid को करने का आदेश दिया।  इसके साथ ही यह भी कहा कि  गलवान घाटी के शहीद जय किशोर सिंह के पिता राजकपूर सिंह को अतिक्रमण और अन्य मामले में जेल भेजे जाने के क्रम में दुर्व्यवहार किये जाने की जानकारी मिली है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच दल गठित की है. दल को जल्द जांच कार्य पूरा कर आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।  जिसके बाद cid की टीम जांच के लिए शहीद जवान के गांव पहुंची है।