PATNA: लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान आज अपनी पत्नी के साथ विधानसभा के सदन के अंदर जा बैठे. उन्हें यादों ने ऐसा घेरा कि 50 साल पुराने दौर में जा पहुंचे. राज्यसभा के उपचुनाव में जीत का सर्टिफिकेट लेने पहुंचे पासवान विधानसभा के विपक्षी बेंच पर बैठ गये.
विधानसभा पहुंचकर जज्बाती हुए रामविलास
दरअसल, रामविलास पासवान राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में आज विजयी घोषित किये गये. वे जीत का सर्टिफिकेट लेने विधानसभा पहुंचे थे. सर्टिफिकेट लिया तो औपचारिकता निभाने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के चैंबर में भी गये. इसी दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपनी पुरानी यादों का जिक्र किया. पासवान ने कहा कि वे 1969 में विधायक बने थे. उसके बाद फिर कभी विधायक नहीं बने. आज फिर से उनकी दिली तमन्ना है कि उस सदन को देखें जहां वे बैठा करते थे.
पासवान के लिए खुला सदन का ताला
रामविलास पासवान के आग्रह के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने सदन का ताला खुलवाया. आज साढ़े 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही खत्म हो गयी थी. उसके बाद सदन में ताला लगा था. रामविलास पासवान के लिए ताला खुला और पत्नी रीना पासवान के साथ वे विपक्षी सदस्यों के गेट से सदन के अंदर गये. वहां विपक्षी बेंच पर कुछ देर के लिए बैठकर उन्होंने 50 साल पुराने दौर को याद किया. उस दौरान वे भावुक भी हो उठे.
सिर्फ एक दफे विधायक रहे हैं पासवान
रामविलास पासवान सिर्फ एक दफे विधायक रहे हैं. 1969 में वे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये थे. 1977 में वे पहली दफे लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने फिर विधायक का चुनाव नहीं लड़ा. 2010 के बाद वे दूसरी दफे राज्यसभा का सदस्य चुने गये हैं.