विधान परिषद चुनाव : विधानसभा में तीसरे नम्बर पर पिछड़े अब्दुस सुभान क्या फिर साबित होंगे कमजोर कड़ी, सीमांचल में RJD को लग सकता है झटका

विधान परिषद चुनाव : विधानसभा में तीसरे नम्बर पर पिछड़े अब्दुस सुभान क्या फिर साबित होंगे कमजोर कड़ी, सीमांचल में RJD को लग सकता है झटका

PURNIA : स्थानीय निकाय कोटे से बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर बिहार की सियासत गर्म है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानमंडल का बजट सत्र छोड़कर अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार में जुटे हुए हैं. आरजेडी यह दावा कर रही है कि विधान परिषद चुनाव में वह एनडीए का सफाया कर देगी. लेकिन सीमांचल के इलाके में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जहां तेजस्वी चूक गए थे वहां एक बार फिर पार्टी के लिए पुराने चेहरे कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं. दरअसल एमएलसी चुनाव में पूर्णिया निर्वाचन क्षेत्र से आरजेडी में हाजी अब्दुस सुभान को उम्मीदवार बनाया है. अब्दुस सुभान बायसी से विधायक रह चुके हैं लेकिन पिछला विधानसभा चुनाव वह बुरी तरीके से हार गए थे. बीते विधानसभा चुनाव में अब्दुल सुभान तीसरे नंबर पर रह गए थे. इस सीट पर ओवैसी के विधायक में बड़ी अंतर से जीत हासिल की थी. अब्दुल सुभान से ए आई एम आई एम के सैयद रत्न उद्दीन अहमद को 30000 वोट ज्यादा मिले थे. इसके बावजूद पार्टी ने अब्दुल सुभान को पूर्णिया सीट पर मैदान में उतार दिया है.


आरजेडी उम्मीदवार अब्दुल सुभान ने आज विधान परिषद चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. इसके बाद तेजस्वी यादव ने अब्दुस सुभान के समर्थन में एक सभा को भी संबोधित किया. तेजस्वी यादव ने लोगों से अपने उम्मीदवार के लिए अपील की. इस दौरान तेजस्वी ने सीमांचल के सियासी गणित को देखते हुए RSS पर निशाना साधा और उसी के बहाने नीतीश पर भी हमला बोला.


तेजस्वी यादव ने जिस अब्दुस सुभान पर दांव लगाया है. वह सफल हो पाते हैं या नहीं यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ हो पाएगा. लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में अब्दुस सुभान की बुरी हार और उनके विवादित बयानों के कारण पार्टी को क्षेत्र में खासा नुकसान हुआ था. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल में आरजेडी को जो झटका दिया था. उसे तेजस्वी और मुख्यमंत्री पद के बीच सबसे बड़ा रोड़ा माना गया. अब एक बार विधानसभा का चुनाव हार चुके नेता पर तेजस्वी ने दांव लगाया है. इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. और जिन 24 सीटों पर विधान परिषद के लिए चुनाव हो रहे हैं उनमें बीजेपी के लिहाज से सबसे मजबूत मानी जाती है.